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ललितपुर में लेखपाल ही करवा रहा गरीब किसानों की ज़मीन पर अवैध कब्जा, अनसन पर बैठे परिवार की कौन सुनेगा?

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में लेखपाल और राजस्व अधिकारियों की मनमर्जी चल रही है, किसी की भी ज़मीन पर दूसरे का कब्जा करवाकर फसल कटवा देना यहाँ के तहसील और गांवों में मौजूद राजस्व अधिकारियों का रोज़ का खेल है। इसे ब्लॉक से लेकर जिले तक के सभी अधिकारी जानते हैं, लेकिन इस पर रोक टोक करने वाला कोई नहीं। ऐसा ही एक और मामला और दिखा जहां पीड़ित परिवार जिलाधिकारी कार्यालय जाकर लगातार अनसन करने को मजबूर है। ग्रामीण परिवार ने लेखपाल व चकबंदी लेखपाल पर लगाये जबरन कब्जा करवाकर फसल कटवाने के आरोप लगाते हुए घूसखोरी का आरोप लगाया है। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई के लिए पीड़ित धरने पर हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।  

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ललितपुर के कल्याणपुरा गांव में कुछ ग्रामीण परिवार जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर अनशन पर जा बैठे हैं। उनकी शिकायत है कि, राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने गांव की उस विवादित जमीन पर विपक्षियों को कब्जा करवाकर फसल कटवा दी है। जिस पर पीड़ित पहले से रह रहा था। आरोप है कि लेखापाल आदि ने नियम विरुद्ध दबंग विपक्षियों ने मिलकर अनुचित लाभ प्राप्त कर गुंदागिर्दी के बल पर फसल हड़प करवा कर जमीन पर कब्जा करवा दिया। उक्त घटना के संबंध में ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन देकर मामले में संसद कार्यवाही की मांग उठाई। मामला सदर तहसील के अंतर्गत ग्राम कल्यानपुरा के मजरा श्यामपुरा का है।

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राजस्व ग्राम कल्यानपुरा के मजरा श्यामपुरा निवासी जयबाई पत्नी कोमल, श्यामबाई पत्नी रघुवीर लाजो पत्नी इमरत अपने परिवार सहित उस समय शहर के पॉश इलाके घंटाघर पर धरना प्रदर्शन करते हुए अनशन पर जा बैठी, जब उनकी काबिज जमीन पर लेखपाल चकबंदी लेखपाल सहित तमाम राजस्व विभाग के अधिकारियों ने विपक्षियों से सांठगांठ कर अवैध कब्जा करवा दिया और उसमें बोई हुई फसल को भी कटवा कर उनके हवाले कर दिया। उक्त घटना के संबंध में पीड़ित परिवार ने जिला अधिकारी के नाम ज्ञापन देकर मामले में समुचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई।

लेखपाल और राजस्व अधिकारी ही करवा रहे अवैध कब्जा

जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि, सभी लोगों ने अपने गांव की भूमि संख्या 113 आदि में कृषि भूमि क्रय की थी। क्रयशुदा भूमि पर कब्जा कर वह पिछले कई वर्षों से कृषि कार्य भी कर रहे हैं। आरोप है कि इस जमीन पर जब उन्होंने उड़द की फसल बोई तो उनके विपक्षी गांव के ही जयराम पुत्र छोटेलाल, प्रकाश रानी पत्नी जय राम के साथ रामप्रसाद पुत्र जयराम आदि ने आपत्ति जताई।

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दूसरे की ज़मीन को अपना बताकर दबंगाई दिखने लगे। जिसके बाद उक्त दबंगों ने संबंधित लेखपाल रिजवान खान एवं चकबंदी लेखपाल श्याम नारायण पटेल से मिलकर अनुचित लाभ देंकर साठगांठ करके गुंडागिरी के बल पर उक्त जमीन पर अधिकारियों की मदद से जबरन कब्जा कर लिया।

राजस्व अधिकारियों से बचाने के लिए अनसन पर बैठने को मजबूर पीड़ित

जमीन पर कब्जा करवाने में राजस्व विभाग के वक्त दोनों ही अधिकारियों के साथ अन्य कर्मचारियों का भी सहयोग रहा। इतना ही नहीं दोनों ही लेखपालों ने जबरन उसकी जमीन पर बोई हुए उड़द की फसल को कटवा कर विपक्षियों के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं जब इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई, तो पुलिस में भी कोई कार्रवाई भी की। इसलिए कार्यवाही की मांग को लेकर पीड़ित पक्ष अनशन पर जा बैठे । इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन को हिदायत दी है कि उक्त मामले में यदि तुरंत कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो सभी पीड़ित पक्ष घंटा घर पर ही आमरण अनशन पर बैठे बैठे प्राण त्याग देंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।