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ललितपुर

इस योजना में बच्चों की 38 बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज, झांसी में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित मासूम को मिली नई जिंदगी

– बच्चों में जन्मजात बीमारी होती है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट- जानें- क्या है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, कैसे करें इस रोग की पहचान- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की 38 बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज

ललितपुरJun 06, 2019 / 04:38 pm

Hariom Dwivedi

Neural Tube Defect

सरकार की इस योजना के तहत बच्चों की 38 बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज, झांसी में एक और मासूम को मिली नई जिंदगी

ललितपुर. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 0 से 19 वर्ष तक के बच्चों की 38 प्रकार की गंभीर बीमारियों का उपचार मुफ्त में किया जाता है। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट इनमें से एक है। जिले के एक मासूम को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत नई जिंदगी मिली है। वह जन्म से ही न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित था। हफ्ते भर की जांच के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क सफल ऑपरेशन किया गया। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। मासूम के पिता चंद्रभान ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम और डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब हमारा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। प्राइवेट अस्पतालों में इस इलाज के लिए 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक का खर्च आता है।
झांसी आरबीएसके के मैनेजर डॉक्टर रामबाबू बताते हैं कि प्रदेश में अभी तक झांसी मेडिकल कॉलेज ही एकमात्र अस्पताल था, जहां आरबीएसके के तहत न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के मुफ्त ऑपरेशन किए जा रहे थे, हाल ही में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भी इसकी शुरुआत हुई है।
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महरौनी ब्लॉक के रहने वाले 28 वर्षीय चंद्रभान बताते हैं कि उनके छोटे भाई गोविंद के बच्चे की पीठ पर जन्म से ही गांठ जैसा उभार था। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चेे की तंत्रिका नली में समस्या है, जिसे मेडिकल भाषा में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट कहा जाता है। डॉक्टर ने बच्चे को जिला चिकित्सालय भेजा, जहां उसकी जांच से पुष्टि हुई कि बच्चा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से ग्रसित है। परिजन गरीबी से जूझ रहे मां-बाप बेटे के इलाज के लिए परेशान थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में उन्हें पता चला। आरबीएसके के तहत झांसी के मेडिकल कॉलेज में बच्चे को भर्ती कराया गया, जहां उसका नि:शुल्क इलाज हुआ।
क्या है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट?
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डॉ. रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति है। यह तब दिखता है, जब दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसा विकार बन जाए कि यह पूर्ण रूप से बंद होने में विफल हो जाए। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले 5 हफ्तों में ही हो जाता है। यह बहुत ही गंभीर जन्मजात रोग है। उन्होंने बताया कि अगर इसके इलाज की शुरुआत बच्चे के जन्म के 24 घंटे के अंदर न हो तो बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। अगर बच्चे का सही समय पर इलाज़ न हुआ और तब भी जान बच गई तो वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक विकलांगता का शिकार हो सकता है।
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Neural Tube Defect
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की ऐसे पहचान करें
बच्चे के शरीर, खासकर सिर या पीठ गांठ दिखे तो उसे तत्काल बच्चे को दिखाएं। उभार का रंग और आकार देखें। साथ ही देखें कि सूजन (गांठ) से कोई स्राव/रक्तश्राव तो नहीं हो रहा। बच्चे के पैर ठीक से काम करते हैं या नहीं। यह भी देखे कि उसे दस्त सही हो रहे हैं या नहीं। यह लक्षण दिखें तो बच्चे को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट हो सकता है।

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