
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के अधीन रिलायंस रिटेल में निवेश के लिए अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी भी सामने आ गई है। इस वेंचर में एक महीने से भी कम समय में 7 वें विदेशी निवेशक सामने आया है। अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी ने जियो प्लेटफॉर्म में भी निवेश किया था। रिलायंस के रिटेल बिजनेस में अभी तक वो निवेशक सामने आए हैं जिन्होंने जियो प्लेटफॉर्म में निवेश किया था। खास बात तो ये है कि रिलायंस रिटेल विदेश निवेश के जरिए एक महीने से भी कम समय में 37700 करोड़ रुपए से ज्यादा जुटा लिए हैं। आपको बता दें कि अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी से पहले सिल्वर लेक, केकेआर, जनरल अटलांटिक, मुबाडला, जीआईसी और टीपीजी जैसी कंपनियां निवेश कर चुकी हैं।
1.2 फीसदी की मिलेगी हिस्सेदारी
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड में अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी द्वारा 1.2 फीसदी हिस्सेदारी के लिए भारत का सबसे बड़ा रिटेलर ने 4.285 लाख करोड़ रुपए के प्री-मनी इक्विटी मूल्य पर 5,512.5 करोड़ रुपए का निवेश किया है। आरआईएल द्वारा आए बयान के अनुसार आरआरवीएल ने अब सिल्वर लेक, केकेआर, जनरल अटलांटिक, मुबाडाला, जीआईसी, टीपीजी और एडीआईए जैसे प्रमुख वैश्विक निवेशकों से 37,710 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, "हम अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के मौजूदा निवेश से खुश हैं और उम्मीद है कि वैश्विक स्तर पर मूल्य के निर्माण के चार दशकों से अधिक के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड से लाभ और समर्थन जारी रहेगा। अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी द्वारा किया गया निवेश रिलायंस रिटेल के प्रदर्शन, क्षमता और समावेशी और परिवर्तनकारी नए वाणिज्य व्यापार मॉडल का एक समर्थन है, जो इसे साफ प्रदर्शित कर रहा है।
वहीं एडीआईए में निजी इक्विटी विभाग के कार्यकारी निदेशक हमाद शाहवान अल्दहारी ने कहा, "रिलायंस रिटेल ने तेजी से खुद को भारत में अग्रणी खुदरा व्यवसायों में से एक के रूप में स्थापित किया है और अपनी भौतिक और डिजिटल आपूर्ति श्रृंखला दोनों का लाभ उठाकर, आगे की वृद्धि के लिए अपनी पोजिशन को मजबूत किया है। यह निवेश एशिया में बाजार के अग्रणी व्यवसायों में निवेश करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है, जो क्षेत्र की खपत-चालित विकास और तेजी से तकनीकी प्रगति से जुड़ा हुआ है।
आरआरवीएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल देश भर में अपने लगभग 12,000 स्टोरों में 640 मिलियन फुटफॉल के साथ भारत का सबसे बड़ा, सबसे तेजी से विकसित और सबसे अधिक लाभदायक खुदरा व्यापार संचालित करती है। ऑयल-टू-टेलीकॉम समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने कारोबार में विविधता ला रही है और अपनी खुदरा उपस्थिति को एक धमाकेदार लिस्टिंग से आगे बढ़ा रही है। कोरोनोवायरस महामारी के बीच, कंपनी ने किराना कारोबार को पुश किया और जियो मार्ट को लांच कर दिया। जिसका सीधा मुकाबला अमेजन और फ्लिपकार्ट से होगा। हाल ही में इसने ऑनलाइन फ़ार्मेसी में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए 620 करोड़ रुपए में नेटमेड्स की भी हिस्सेदारी अपने नाम कर लीइ है।
Updated on:
06 Oct 2020 08:16 pm
Published on:
06 Oct 2020 08:10 pm
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