21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी के क्रियान्वयन के शिल्पकार थे अरुण जेटली

एक जुलाई 2017 रात 12 बजे की थी जीएसटी घोषणा बैंकिंग क्षेत्र में उठाए कई कढ़े और अहम कदम

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Aug 24, 2019

arun-jaitley_1.jpg

नई दिल्ली। बहुआयामी प्रतिभा के धनी , प्रखर वक्ता एवं कुशल राजनेता अरुण जेटली को देश में अब तक के सबसे बड़े आर्थिक सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के शिल्पकार के रुप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने रात 12 बजे इसकी घोषणा कर देश की आर्थिक नीतियों को बदलकर रख दिया था।

यह भी पढ़ेंः-कांग्रेस लीडर और जम्मू-कश्मीर के वित्तमंत्री की बेटी से अरुण जेटली ने की थी शादी, ये था मामला

बैंकिंग क्षेत्र में सुधार को कई कदम उठाए
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री के रुप में पांच आम बजट पेश करने वाले जेटली ने अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे ले जाने के लिए कदम उठाये। उन्होंने बैकिंग तंत्र की मजबूती और ऋण लेकर इसकी अदायगी नहीं करने वालों पर शिंकजा कसने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। स्वास्थ्य कारणों की वजह से जेटली ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में शामिल होने से स्वयं ही मना कर दिया था।

यह भी पढ़ेंः-GST, नोटबंदी ही नही इन अहम फैसलों के लिए भी अरुण जेटली को देश रखेगा याद, निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

रात 12 बजे देश की बदल दी थी तस्वीर
विपक्ष के सवालों का बड़ी हाजिर जवाबी और सरलता से उत्तर देने वाले श्री जेटली ने जब एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को संसद के केन्द्रीय कक्ष में अब तक के देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार के रुप में माने जाने वाले जीएसटी को लागू किया तो इसे लेकर काफी सवाल उठाए गए, किंतु एक मंझे हुए आर्थिक विशेषज्ञ के रुप में अपने शेष दो वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने इसके रास्ते में आई सभी बाधाओं को दूर करने के साथ ही इसे सरल बनाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी।

यह भी पढ़ेंः-अपने पीछे 111 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए अरुण जेटली

समय-समय पर किए अहम बदलाव
जेटली ने जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए भाजपा शासित राज्यों ही नहीं बल्कि अन्य दलों की सरकार वाले राज्यों को भी तैयार किया। राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति देने की व्यवस्था कर उन्हें राजी करने के लिए उन्होंने जिस धैर्य का परिचय दिया उसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है। जीएसटी परिषद की एक -एक कर कई बैठकें की गयी। श्री जेटली ने इसे एक तरफ जहां कारोबार के अनुकूल बनाने में कोई भी मौका नहीं गंवाया तो समय-समय पर मांग के अनुरुप जीसीटी दरों को तर्कसंगत बनाकर इसे आम उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी बनाने का हरसंभव प्रयास किया।