7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन दिग्गजों को रास नहीं आया टेलीकाॅम सेक्टर, बढ़ गया है इतने हजार करोड़ रुपए का कर्ज

2010 तक आर-कॉम का मार्केट शेयर टेलिकॉम इंडस्ट्री में 17 फीसदी था और वह दूसरी बड़ी कंपनी थी।

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Jun 10, 2018

anil

इन दिग्गजों को रास नहीं आया टेलीकाॅम सेक्टर, बढ़ गया है इतने हजार करोड़ रुपए का कर्ज

नर्इ दिल्ली। इंसान को अर्श से फर्श पर आने में देर नहीं लगती है। एेसा ही कुछ दिग्गजों के साथ भी हुआ है। जब उन्होंने टेलीकाॅम सेक्टर में कदम रखा था तो देश में उनसे बड़ा कोर्इ नहीं था, लेकिन कुछ ही सालों में उनकी हालत दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गर्इ है। आइए आपको भी बताते हैं कि एेसे कौन से लोग हैं जो आज की डेट में टेलीकाॅम सेक्टर की वजह से पताल में पहुंच गए हैं।

जब देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी आरकाॅम
एक समय था जब अनिल अंबानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी ऑर-कॉम अर्श पर थी। वो टेलीकाॅम सेक्टर में देश की दूसरी बड़ी कंपनी थी। आरकाॅम ने टेलीकाॅम सेक्टर की सूरत बदलकर रख दी थी। लेकिन कंपनी को प्लानिंग आैर एक्सपेंशन के गलत तरीके ने कंपनी को दिवालिया होने के कगार पर खड़ा कर दिया है। जानकारों की मानें तो मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में जब बिजनेस का बंटवारा होने के बाद अनिल अंबानी के हिस्से में टेलिकॉम कंपनी आई थी। 2010 तक आर-कॉम का मार्केट शेयर टेलिकॉम इंडस्ट्री में 17 फीसदी था और वह दूसरी बड़ी कंपनी थी। उस दौरान कंपनी के विस्तार को लेकर कर्ज बढ़ना शुरू हुआ और उसका सही मैनेजमेंट नहीं हो पाया।

आज इतना बढ़ गया है कर्ज
जियो आैर बाकी कंपनियों के आने से टेलीकाॅम सेक्टर में कॉम्पिटीशन बढ़ गया। उसके बाद जियो ने जब सस्मे डाटा प्लान निकाले तो आरकाॅम का मार्केट में टिकना मुश्किल हो गया। लगातार कर्ज लेने से आरकाॅम के अलावा बाकी कंपनियों पर आैकात से ज्यादा कर्ज बढ़ गया। फाइनेंशियल ईयर 2010 में आरकॉम पर 25 हजार करोड़ कर्ज था, अब बढ़कर 45 हजार करोड़ हो चुका है। वहीं वीडियोकॉन ग्रुप पर कर्ज बढ़कर 40 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। इसके अलावा एयरसेल पर फिलहाल 19 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।

इन टेलीकाॅम कंपनियों पर है इतना कर्ज






















कंपनी


कर्ज

आरकॉम


45 हजार करोड़
वीडियोकॉन ग्रुप40 हजार करोड़

एयरसेल


19 हजार करोड़

वीडियाेकाॅन का कोर से बिजनेस से ध्यान हटाना
अगर बात वीडियोकॉन की करें तो उसने जब अपने कोर बिजनेस ध्यान हटाना शुरू किया तभी कंपनी की उलटी गिनती शुरू हो गर्इ। एक वीडियाेकाॅन का का कोर बिजनेस टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और एसी जैसे प्रोडक्‍ट्स का बिजनेस था। उस दौर में यह मुनाफे वाली कंपनी हुआ करती थी। लेकिन टेलिकॉम, एनर्जी जैसे दूसरे क्षेत्र में कारोबारी विस्‍तार का रास्‍ता अपनाने से कर्ज में डबती चली गर्इ।

2जी स्कैम से भी हुआ नुकसान
टेलिकॉम सेक्टर के लिए 2जी स्कैम सब ज्यादा नुकसानदायक रहा। जिसकी वजह से कई कंपनियों के स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द हो गए। इसके चलते कंपनियों के लिए ऑपरेशन कॉस्ट भी खासी बढ़ गई। वहीं एयरसेल के मामले में तो अभी तक सीबीआई की जांच चल रही है। सीबीआई मैक्सिस के हाथों टेकओवर में हुई अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।