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पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज में कटौती से बढ़ेगा राजकोषीय घाटा: एजेंसी

एक्साइज ड्यूटी में कटौती से होने वाले नुकसान से राजकोषीय घाटे को बचाने के लिए सरकार को उतने ही सरकारी खर्च में भी कटौती करनी होगी।    

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पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज में कटौती से बढ़ेगा राजकोषीय घाटा: एजेंसी

नई दिल्ली। देश में इस समय पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं। केंद्र की पीएम मोदी की सरकार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने को लेकर जबरदस्त दबाव है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इस बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि यदि एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपए की भी कटौती की जाती है तो यह राजकोषीय घाटे पर भारी पड़ेगा। मूडीज का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती से होने वाले नुकसान से राजकोषीय घाटे को बचाने के लिए सरकार को उतने ही सरकारी खर्च में भी कटौती करनी होगी।

1 रुपए की कटौती से 1300 करोड़ रुपए का नुकसान

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए डीज इन्वेस्टर सर्विस के वाइस प्रेजिडेंट और सीनियर क्रेडिट ऑफिसर (सॉवरेन जोखिम समूह) विलियम फॉस्टर ने कहा है कि किसी भी प्रकार से राजस्व में कटौती होने पर सरकार को नुकसान होता है। इस नुकसान की भरपाई केवल सरकारी खर्चे में कटौती कर की जा सकती है। एक सरकारी अनुमान के मुताबिक यदि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपए की भी कटौती करती है तो इससे सरकार को करीब 1300 करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा उठाना पड़ेगा।

राजकोषीय घाटा बढ़ने से प्रभावित होगी सॉवरेन रेटिंग

जानकारों के अनुसार किसी भी देश को सॉवरेन रेटिंग देने के लिए मूडीज राजकोषीय घाटे पर नजर रखती है। यही कारण है कि सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी को लेकर जल्दी से कोई फैसला नहीं ले पा रही है। आपको बता दें कि मूडीज ने 13 साल में पहली बार बीते वर्ष भारत के सॉवरेन रेटिंग को बढ़ाकर स्थिर परिदृश्य के साथ BAA 2 किया था। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.53 फीसदी था।