रिपोर्ट के अनुसार इन दिनों मैसेजिंग ऐप्स दुनियाभर के स्कैमर्स का पंसदीदा टूल बन गए हैं। वे मैसेजिंग ऐप्स पर लोगों को मैलेशियस लिंक भेजते हैं और उन्हें ठगते हैं। इसकी वजह यह है कि ये मैसेजिंग ऐप्स लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं और करोड़ों लोग इनका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में स्कैमर्स इन ऐप्स के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं। इस मामले में मैसेजिंग ऐप वाइबर तीसरे नंबर पर है। वाइबर के जरिए 4.7 फीसदी फिशिंग अटैक किए गए। वहीं हैंगआउट में यह एक फीसदी से भी कम था।
रिपोर्ट के अनुसार, कास्परस्की टीम ने दिसंबर 2020 से मई 2021 के बीच विश्व स्तर पर 91,242 डिटेक्शन दर्ज किए। व्हाट्सएप पर इसका प्रतिशत सबसे ज्यादा था। इसमें सबसे ज्यादा मामले रूस में दर्ज किए गए। रूस में 56 फीसदी, भारत में 6 फीसदी और तुर्की में 4 फीसदी रहा। व्हाट्सएप पर हैकर्स ऐसे लिंक्स शेयर करते थे, जिसमें वेबसाइट के लिंक्स होते हैं जो दिखने में असली जैसे लगते हैं। साथ ही हाइपर लिंक्स होते है, जिनमें स्पैलिंग मिस्टेक होती हैं। जब यूजर इन लिंक्स पर क्लिक करते हैं तो वह यूजर को दूसरी जगह ले जाते हैं और यूजर्स स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं।
फिशिंग इंटरनेट पर धोखाधड़ी का वह तरीका है, जिसमें फर्जी ईमेल और मैसेज के जरिये यूजर से संवेदनशील जानकारियां पाने की कोशिश की जाती है। अक्सर लॉटरी या इनाम मिलने, क्रेडिट कार्ड के पॉइंट के बदले कैश पाने जैसे संदेशों के जरिये यूजर को लुभाने की कोशिश की जाती है। ऐसे में यूजर्स को इनसे सावधान रहने की जरूरत है। यूजर्स को अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचना चाहिए।