
Rajasthan High Court Bank Freeze Order (Image: Gemini)
Rajasthan High Court Bank Freeze Order: सोचिए, आप सुबह की चाय पी रहे हों, मोबाइल उठाते हैं और पता चलता है कि आपका बैंक अकाउंट ब्लॉक हो गया है। न आप पैसे निकाल सकते हैं, न जमा कर सकते हैं। आप बदहवास होकर बैंक भागते हैं, तो पता चलता है कि ये काम बैंक ने नहीं, बल्कि पुलिस ने किया है। वजह? आपके खाते में कहीं से आए वो अनजान 100 रुपये, जिन्हें देखकर आप शायद खुश हो रहे थे।
जी हां, पिछले कुछ समय से देशभर में हजारों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन अब राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसने आम आदमी को बड़ी राहत दी है और पुलिस की मनमानी पर लगाम कसी है।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि पूरा मामला क्या है और कोर्ट का ये फैसला आपके लिए क्यों जरूरी है।
साइबर ठगी की दुनिया में एक शब्द चलता है, मनी ट्रेल (Money Trail)। जब कोई हैकर किसी को लूटता है, तो पुलिस उस पैसे का पीछा करती है। हैकर अक्सर पुलिस को चकमा देने के लिए लूटी गई रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में सैकड़ों खातों में भेज देते हैं।
मान लीजिए, किसी ठगी के पैसे का एक छोटा सा हिस्सा (जैसे 100 या 500 रुपये) घूमते-फिरते आपके खाते में आ गया। पुलिस को शक होता है कि आप भी उस ठगी के गिरोह का हिस्सा हैं। बस इसी शक की बुनियाद पर पुलिस बैंक को निर्देश देती है और आपका पूरा का पूरा अकाउंट फ्रीज (Freeze) करवा देती है। इसे बैंकिंग भाषा में लियन (Lien) लगाना कहते हैं। नतीजा ये होता है कि उन 100 रुपयों के चक्कर में आपके खाते में पड़े लाखों रुपये भी जाम हो जाते हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका के दौरान यह मामला सामने आया, जिसमें याचिकाकर्ता का पूरा बैंक खाता सिर्फ एक संदिग्ध लेनदेन के आधार पर फ्रीज कर दिया गया था।
इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस और बैंकों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने साफ कहा कि सिर्फ शक के आधार पर और बिना उचित प्रक्रिया के किसी व्यक्ति का पूरा बैंक खाता फ्रीज करना मनमाना है और कानून की भावना के खिलाफ है।
पूरा अकाउंट बंद नहीं होगा: पुलिस को अधिकार है कि वह सिर्फ उतनी ही राशि पर रोक (Lien) लगाए, जितनी वास्तव में विवादित है।
बाकी पैसे आपके हैं: अगर घपला 500 रुपये का है, तो सिर्फ 500 रुपये होल्ड होंगे। आपके खाते में बाकी जो आपकी मेहनत की कमाई है, उसे इस्तेमाल करने से कोई नहीं रोक सकता।
मनमानी नहीं चलेगी: पुलिस बिना ठोस वजह और उचित प्रक्रिया के किसी नागरिक को परेशान नहीं कर सकती।
घबराने के बजाय समझदारी से काम लें। अगर कभी खाता फ्रीज हो जाए, तो बैंक मैनेजर पर चिल्लाने से काम नहीं बनेगा, क्योंकि वो सिर्फ आदेश का पालन कर रहे हैं।
आजकल UPI का जमाना है। अगर गलती से आपके फोन-पे या गूगल-पे पर किसी अनजान नंबर से पैसे आ जाएं और सामने वाला कहे कि, ''गलती से आ गए, वापस भेज दो" तो कभी भी खुद पैसे वापस न करें। उससे कहें कि वह बैंक में कंप्लेंट करे। खुद पैसे भेजना आपको मनी लॉन्ड्रिंग के शक में फंसा सकता है।
Published on:
28 Dec 2025 06:35 pm
बड़ी खबरें
View Allटेक्नोलॉजी
ट्रेंडिंग
