
Sanchar Saathi Controversy (Image: Gemini)
Sanchar Saathi Controversy: संचार साथी ऐप विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि मोबाइल यूजर्स की लोकेशन ट्रैकिंग को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार स्मार्टफोन्स में A-GPS (Assisted GPS) को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। अगर यह लागू होता है, तो आपके फोन की लोकेशन 24 घंटे ऑन रह सकती है।
हालांकि, इस प्रस्ताव के सामने आते ही Apple, Samsung और Google जैसी दिग्गज कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया है और इसे निजता के लिए बड़ा खतरा बताया है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए A-GPS तकनीक को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है।
वर्तमान में मोबाइल नेटवर्क टावरों के जरिए जो लोकेशन मिलती है, वह पूरी तरह सटीक नहीं होती। उसमें कई मीटर का अंतर हो सकता है।
A-GPS सैटेलाइट और इंटरनेट डेटा दोनों का उपयोग कर यूजर की बिल्कुल सटीक लोकेशन देता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार चाहती है कि हैंडसेट में लोकेशन सर्विस हमेशा ऑन रहे और यूजर के पास इसे बंद करने का विकल्प ही न हो। यह बात जून में आईटी मिनिस्ट्री की एक आंतरिक ईमेल चर्चा में भी सामने आई थी।
इस प्रस्ताव पर Apple, Samsung और Google की पैरेंट कंपनी Alphabet ने सख्त आपत्ति जताई है। कंपनियों ने केंद्र सरकार को स्पष्ट किया है कि लोकेशन को हमेशा ऑन रखना उन्हें मंजूर नहीं है।
सहमति का सवाल: कंपनियों का तर्क है कि इससे यूजर की सहमति का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
मिसयूज का खतरा: हमेशा लोकेशन ऑन रहने से डेटा के गलत इस्तेमाल और हैकिंग का खतरा बढ़ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानक: ICEA (India Cellular and Electronics Association) ने सरकार को लिखे पत्र में कहा कि दुनिया के किसी भी देश में डिवाइस-स्तर पर अनिवार्य GPS ट्रैकिंग लागू नहीं है, इसलिए भारत में ऐसा करना गलत होगा।
यह मामला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में सरकार ने स्पष्ट किया था कि सभी स्मार्टफोन्स में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, यह जानकारी आई थी इसे न तो अनइंस्टॉल किया जा सकेगा और न ही यूजर डिसेबल कर पाएंगे। बाद में भारी विरोध के बाद बताया गया कि ऐप को अनइंस्टॉल किया जा सकेगा। उस समय भी निगरानी और गोपनीयता को लेकर कड़ा विरोध हुआ था। अब GPS ट्रैकिंग वाले प्रस्ताव पर भी टेक कंपनियां एकजुट हो गई हैं। फिलहाल सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन इंडस्ट्री और सरकार के बीच इसे लेकर चर्चा तेज है।
Published on:
07 Dec 2025 03:56 pm
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