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Sleeping with Mobile Phone Under Pillow: फोन को तकिये के नीचे रखकर सोते हैं? जानलेवा हो सकती है आपकी ये आदत!

Sleeping with Mobile Phone Under Pillow: रात को तकिये के नीचे मोबाइल रखकर सोते हैं? यह आदत आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। रेडिएशन, ओवरहीटिंग और नींद से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।

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भारत

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Rahul Yadav

May 07, 2025

Sleeping with Mobile Phone Under Pillow

Sleeping with Mobile Phone Under Pillow

Sleeping with Mobile Phone Under Pillow: स्मार्टफोन ने हमारे जीवन को बेहद आसान बना दिया है लेकिन क्या आपको पता है कि इस छोटे से डिवाइस के कारण आपकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है? आजकल लोग सोते वक्त भी अपने फोन को तकिये के नीचे रखकर सोते हैं लेकिन क्या यह आदत सही है?

यह आदत न केवल आपकी नींद को प्रभावित करती है, बल्कि इसके पीछे छिपे स्वास्थ्य खतरों को समझना भी बेहद जरूरी है। जब आप स्मार्टफोन को तकिये के नीचे रखते हैं तो यह आपके शरीर के लिए कितने हानिकारक हो सकता है इसके बारे में शायद आप सोचते भी नहीं हैं। आइए जानते हैं कि क्यों यह आदत आपकी सेहत के लिए एक बड़ा जोखिम बन सकती है।

नींद की क्वालिटी पर असर

आप जब तकिये के नीचे फोन रखते हैं तो उसका रेडिएशन और ब्लू लाइट आपके मस्तिष्क को सक्रिय रखती है जिससे आपकी नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है। इसके अलावा मोबाइल के नोटिफिकेशन और वाइब्रेशन से भी आपकी नींद में बार-बार खलल पड़ता है जिससे आप थके हुए उठते हैं और पूरे दिन आलसी महसूस करते हैं।

ब्रेन पर रेडिएशन का असर

स्मार्टफोन से निकलने वाला रेडियोफ्रीक्वेंसी रेडिएशन अगर लंबे समय तक आपके सिर के पास रहे तो यह मस्तिष्क की कोशिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसके परिणामस्वरूप सिरदर्द, थकान और मानसिक थकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इस प्रकार के रेडिएशन का लगातार संपर्क न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का कारण भी बन सकता है।

ओवरहीटिंग और ब्लास्ट का खतरा

यदि आप फोन को चार्ज करते हुए तकिये के नीचे रखते हैं तो यह और भी खतरनाक हो सकता है। फोन की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती जिससे यह ओवरहीट होकर ब्लास्ट कर सकता है या आग पकड़ सकता है।

हार्मोनल असंतुलन और दिल की धड़कन पर असर

स्मार्टफोन से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन केवल मस्तिष्क ही नहीं बल्कि शरीर के हार्मोनल सिस्टम और दिल की धड़कन को भी प्रभावित कर सकता है। यह मेलाटोनिन जैसे हॉर्मोन के उत्पादन को बाधित करता है, जिससे नींद की प्रक्रिया और शरीर की रिकवरी पर बुरा असर पड़ता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव

अगर आप हर वक्त फोन पास रखते हैं और रात को भी सिर के पास मोबाइल रखते हैं तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस, एंग्जायटी, और ओवरथिंकिंग की समस्याएं इस कारण बढ़ सकती हैं। खासकर तब जब आप रात में बार-बार फोन चेक करने की आदत डाल लेते हैं।

क्या हैं समाधान?

फोन को सिर से कम से कम 3-4 फीट दूर रखकर सोएं।

एयरप्लेन मोड पर रखें या बिलकुल न रखें।

चार्जिंग करते समय फोन को तकिये के नीचे या बिस्तर पर न रखें।

सोने से पहले स्मार्टफोन का कम इस्तेमाल करें हो सके तो फोन का इस्तेमाल न करें।

यह छोटी-सी आदत आपको लंबी अवधि में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती है। अपनी नींद और सेहत को प्राथमिकता दें और फोन को सोने से पहले एक सुरक्षित दूरी पर रखें।

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