Heat Wave: गर्मी के मौसम में तेज धूप और लू से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर जब तापमान तेजी से बढ़ता है, तो सिरदर्द, चक्कर, थकान और लू लगने जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में अमृतधारा को आयुर्वेद में एक सरल और प्रभावशाली उपाय बताया गया है । वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. ओमप्रकाश दाधीच के अनुसार, अमृतधारा एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जो गर्मी से होने वाली समस्याओं में तुरंत राहत देती है और इसे घर पर आसानी से तैयार भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि अमृतधारा कैसे बनाएं और इसके फायदे क्या हैं।
डॉ . ओमप्रकाश दाधीच (वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ) ने बताया कि अमृतधारा एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं में बेहद असरदार मानी जाती है। कर्पूर, पुदीना सत और अजवाइन सत से बनी यह तरल औषधि सर्दी-गर्मी दोनों मौसमों में उपयोगी मानी जाती है।
इसे अक्सर 'घरेलू डॉक्टर' भी कहा जाता है, क्योंकि यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में तुरंत राहत देती है। खासकर तेज गर्मी से बचने और लू से सुरक्षा के लिए यह बहुत लाभकारी है। आइए जानते हैं गर्मियों में इसके फायदे और उपयोग।
अमृतधारा को घर पर भी बहुत आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसके लिए आपको तीन चीजों की जरूरत होती है: अजवाइन के फूल, पुदीने के फूल और कर्पूर। इन तीनों सामग्री को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह मिलाएं और एक सूखी कांच की शीशी में भरकर रख दें। कुछ दिनों में यह मिश्रण तरल रूप (Liquid) में बदल जाएगा। तैयार हो जाने के बाद इस लिक्विड की 3-4 बूंदें पानी में या बताशे में डालकर सेवन किया जा सकता है। साथ ही, आवश्यकता होने पर इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है, जिससे ताजगी और राहत मिलती है।
अमृतधारा शरीर में ठंडक लाने का काम करती है। इसकी कुछ बूंदें नाक, सिर और त्वचा पर लगाने से गर्मी और लू के असर से राहत मिलती है।धूप में बाहर निकलने से पहले सिर पर लगाएं, इससे लू से बचाव होता है।
गैस, बदहजमी, पेट दर्द, दस्त और भूख न लगने जैसी समस्याओं में अमृतधारा कारगर है।3-4 बूंदें पानी में मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।
तनाव या गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द और माइग्रेन में अमृतधारा बहुत उपयोगी है।इसे माथे और कनपटियों पर लगाएं, इससे ठंडक मिलेगी और सिरदर्द में राहत महसूस होगी।
Updated on:
15 Jun 2025 02:44 pm
Published on:
15 Jun 2025 01:07 pm