Curd On Face In Monsoon: मानसून में स्किन का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। ऐसे में कई लोग दही का इस्तेमाल करते हैं, जिसे चेहरा हाइड्रेटेड और ग्लोइंग रहे, लेकिन क्या मानसून में चेहरे पर दही लगाना सही है या नहीं? आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं।
Curd On Face In Monsoon: बरसात का मौसम नमी और ठंडक के साथ-साथ स्किन के लिए कई नई दिक्कतें लेकर आता है। पसीना, चिपचिपाहट और ऑयलीनेस इस सीजन की आम समस्याएं हैं, जिससे पिंपल्स, एलर्जी और फंगल इंफेक्शन तक हो सकते हैं। ऐसे में स्किन को नेचुरल और हल्के तत्वों से राहत देना जरूरी हो जाता है और यहीं पर दही का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या मॉनसून में दही का फेस पैक लगाना फायदेमंद है या नुकसानदायक?
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दही में मौजूद लैक्टिक एसिड, प्रोबायोटिक्स, और जिंक स्किन को नेचुरली एक्सफोलिएट करते हैं। ये तत्व डेड स्किन हटाने, पोर्स क्लीन करने और स्किन को सॉफ्ट व ब्राइट बनाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही दही स्किन को ठंडक देता है और टैनिंग कम करता है।
बारिश के मौसम में पहले से ही वातावरण में नमी अधिक होती है। ऐसे में दही की ठंडी और गीली प्रकृति स्किन पर एक्स्ट्रा मॉइस्चर बढ़ा सकती है, जिससे फंगल संक्रमण का खतरा बन सकता है।
जिनकी स्किन पहले से तैलीय है, उनके लिए दही स्किन को और भी चिकना बना सकता है। इससे पोर्स बंद होने और पिंपल्स की समस्या बढ़ने की आशंका रहती है।
लैक्टिक एसिड से संवेदनशील त्वचा पर जलन या एलर्जी हो सकती है। अगर चेहरे पर पहले से कोई रैश या रेडनेस है, तो दही का इस्तेमाल टालना बेहतर है।
दही का फेस पैक हफ्ते में 1 से 2 बार ही लगाएं।
नीम, मुल्तानी मिट्टी या एलोवेरा जेल के साथ मिलाकर फेस पैक बनाएं।
दही की एक पतली परत साफ चेहरे पर 10-15 मिनट तक लगाएं।
ठंडे पानी से चेहरा धोने के बाद टोनर जरूर लगाएं।
अगर स्किन पर रेडनेस, पिंपल्स या खुजली हो, तो इस्तेमाल तुरंत बंद करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।