Eat This Oil Daily to Sharpen Mind : आजकल हममें से ज्यादातर लोग सेहत से जुड़ी चिंताओं की वजह से तैलीय खाना खाने से बचते हैं. लेकिन क्या हो अगर कोई तेल आपके दिमाग को सुरक्षित रख सके और डिमेंशिया का खतरा भी कम कर सके? शोधकर्ताओं ने पाया है कि अपने खाने में एक खास तेल को (Eat This Oil Daily to Sharpen Mind) शामिल करने से दिमाग की सेहत अच्छी हो सकती है और डिमेंशिया का खतरा भी कम हो सकता है. अमेरिकन सोसाइटी ऑफ न्यूट्रिशन की सालाना बैठक, न्यूट्रिशन 2023 में पेश की गई एक स्टडी के मुताबिक नियमित रूप से जैतून के तेल (Olive oil) का सेवन जानलेवा डिमेंशिया के खतरे को 28% तक कम कर सकता है. (Jaitun Tel ke Fayde)
डिमेंशिया एक आम शब्द है जो याददाश्त, भाषा, समस्याओं को सुलझाने और सोचने-समझने की दूसरी क्षमताओं के कम होने को बताता है. ये कमी इतनी गंभीर होती है कि रोजमर्रा के काम में दिक्कत आने लगती है. अल्ज़ाइमर डिमेंशिया का सबसे आम कारण है. दुनिया भर में 5.5 करोड़ से ज्यादा लोग डिमेंशिया से जूझ रहे हैं और अनुमान है कि हर साल 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं.
शोधकर्ता ऐनी-जूली टेसियर के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि अपने खाने में जैतून के तेल (Eat This Oil Daily to Sharpen Mind) को शामिल करने से डिमेंशिया से होने वाली मौत का खतरा कम हो सकता है. अल्ज़ाइमर रोग के बढ़ते मामलों के बीच इस अध्ययन में पाया गया है कि स्वस्थ जीवनशैली से जुड़े कारक, जैसे कि हमारा खान-पान, ऐसी बीमारियों को रोकने या उनकी प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.
यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जिसने खाने-पीने की चीज़ों और डिमेंशिया से होने वाली मौत के बीच के संबंध की जांच की है. जैतून के तेल के दिमाग पर पड़ने वाले फायदों को समझने के लिए, वैज्ञानिकों ने तीन दशकों से ज्यादा समय तक 90,000 से ज्यादा अमेरिकियों के खाने से जुड़े सवालों के जवाब और मौत के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. इस दौरान, अध्ययन में शामिल 4,749 लोगों की डिमेंशिया से मौत हुई.
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शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग हर दिन आधे बड़े चम्मच से ज्यादा जैतून के तेल का सेवन करते थे, उनमें डिमेंशिया से मरने का खतरा उन लोगों के मुकाबले 28% कम था जो कभी या शायद ही कभी जैतून के तेल का इस्तेमाल करते थे. उन्होंने यह भी पाया कि हर दिन सिर्फ एक चम्मच मार्जरीन और मेयोनेज़ की जगह उतनी ही मात्रा में जैतून के तेल का इस्तेमाल करने से डिमेंशिया से मरने का खतरा 8-14% तक कम हो गया.
अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग प्रोसेस्ड या जानवरों की चर्बी के बजाय नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करते हैं, उनका कुल मिलाकर आहार ज्यादा स्वस्थ होता है. हालांकि, टेसियर ने इस बात पर जोर दिया कि इस अध्ययन में जैतून के तेल और डिमेंशिया से होने वाली मृत्यु के जोखिम के बीच का संबंध आहार की समग्र गुणवत्ता से अलग था. इसका मतलब है कि जैतून के तेल में ऐसे गुण होते हैं जो दिमाग के स्वास्थ्य के लिए ख़ास तौर पर फ़ायदेमंद हैं.
टेसियर ने कहा, "जैतून के तेल में कुछ एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो ब्लड-ब्रेन बैरियर को पार कर सकते हैं, जिससे दिमाग पर सीधा असर पड़ सकता है. यह भी संभव है कि जैतून का तेल हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाकर दिमाग के स्वास्थ्य पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालता हो." पिछले अध्ययनों से पता चला है कि जैतून के तेल का ज्यादा सेवन हृदय रोग के कम जोखिम से जुड़ा है. दिलचस्प बात यह है कि भूमध्यसागरीय आहार (Mediterranean diet), जिसे समग्र स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे आहारों में से एक माना जाता है, उसमें भी जैतून का तेल शामिल है, और इसने संज्ञानात्मक गिरावट (cognitive decline) के खिलाफ सुरक्षा दिखाई है.
हालांकि, टेसियर ने आगाह किया कि यह शोध केवल अवलोकन पर आधारित है और यह साबित नहीं करता कि जैतून का तेल ही जानलेवा डिमेंशिया के जोखिम को कम करने का कारण है. इसके प्रभावों की पुष्टि के लिए आगे के अध्ययनों की आवश्यकता है. साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि जैतून कैलोरी-घना होता है, इसलिए इसका कम मात्रा में उपयोग करें.
Updated on:
18 Jun 2025 11:26 am
Published on:
18 Jun 2025 11:25 am