क्या है एक्सपर्ट्स का मानना स्टडी के मुताबिक, मोबाइल का अधिक इस्तेमाल ना सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि पुरुषों में नपुंसकता की समस्या भी पैदा कर रहा है। ऐसे में कई फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि जो शख्स दिन भर में कम से कम एक घंटा भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है उसके स्पर्म की संख्या कम होती जा रही है या फिर उनके स्पर्म की क्वॉलिटी में भी भारी गिरावट आ रही है।
रिसर्च का दावा इस विषय में भारत में पहला अध्ययन 7,700 पुरुषों पर मणिपाल के कस्तूरबा अस्पताल में वर्ष 2008 में किया गया था, जिसमें पुरुषों के स्पर्म क्वालिटी को खराब पाया गया था। वहीं दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक शोध से पता चला कि तीन दशक के दौरान प्रति मिलीलीटर स्पर्म में शुक्राणुओं की संख्या छह करोड़ से घटकर मात्र दो करोड़ रह गई है। लखनऊ के सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट में मौजूद 19,734 स्वस्थ पुरुषों के स्पर्म पर किए एक अध्ययन में पता चला कि वीर्य की संरचना और गतिविधि में सच में गिरावट आई है।
आंखों के लिए है नुकसानदेह स्मार्टफोन की ब्राइटनेस से और लगातार फोन के इस्तेमाल से हमारी आंखों पर काफी बुरा असर पड़ता है। फोन से निकलनेवाली रोशनी सीधे रेटिना पर असर करती है, जिसकी वजह से आंखें जल्दी खराब होने लगती हैं। इतना ही नहीं धीरे-धीरे देखने की क्षमता भी कम होने लगती है जिसकी वजह से सिर में दर्द बढ़ने लगता है।
हृदय के लिए भी हानिकारक मोबाइल रेडिएशन का बुरा असर व्यक्ति के डीएनए स्ट्रक्चर पर पड़ने के साथ दिल को भी नुक्सान पहुंचता है। एक्सपर्ट की मानें तो, पेंट की जेब में मोबाइल रखने से रेडिएशन व्यक्ति की पेल्विक बोन्स को कमजोर और घनत्व को कम करती है।
इससे बचने का क्या है उपाय इससे बचने के लिये जरूरी है कि ऑफिस आते-जाते समय मोबाइल को अपने बैग में रखें। सोते-उठते-बैठते समय भी इससे थोड़ी दूरी बनाये रखें। मोबाइल चार्ज करते समय बात करने की गलती न करें । यह सेहत के लिए कई गुना नुकसानदायक होता है। इसका सीधा असर पुरुषों के स्पर्म पर पड़ता है।