
Fox nuts for kidney health फोटो सोर्स - Freepik
Makhana For Kidney: हम अपनी डेली लाइफस्टाइल में कई चीजें शामिल करते हैं, जिससे हमारा स्वास्थ्य बना रहे। जैसे ड्राई फ्रूट्स में मखानों को भी शामिल किया जाता है। मखाना शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में उपयोगी होता है। मखाने में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनका सेवन शरीर के लिए आवश्यक होता है।ऐसे में सवाल यह है कि क्या किडनी के मरीज मखाने का सेवन कर सकते हैं या नहीं?आइए जानते हैं मखाने की न्यूट्रिशनल वैल्यू और इसके किडनी स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में।
मखाने में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन B2 और B6 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह पाचन, हड्डियों और मेटाबॉलिज्म के लिए भी फायदेमंद है।
अगर आप भी किडनी के मरीज हैं, तो यह जानना आपके लिए महत्वपूर्ण है कि मखाने का सेवन किडनी के लिए फायदेमंद है या नहीं। अगर आप किडनी स्टोन या इससे जुड़ी अन्य समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आपको मखाना खाने से बचना चाहिए। क्योंकि मखाने में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, और ऐसे में यदि किडनी से संबंधित समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति इसका सेवन करता है, तो यह पथरी के आकार को बढ़ा सकता है।
इसके अलावा, मखाने के सेवन से पेशाब में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ सकती है, जिससे किडनी से जुड़ी अन्य समस्याएं भी गंभीर हो सकती हैं।मखाने में प्रोटीन, पोटैशियम और फॉस्फोरस भी पाए जाते हैं, जो किडनी के मरीजों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए यदि आप मखाना खाना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
-मखाने में प्रोटीन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
-मखाने में फाइबर होता है, जो वजन कम करने में मदद करता है।
-मखाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
-मखाने में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं।
-मखाने में कैल्शियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
19 May 2025 04:01 pm
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