
Memory Booster Seeds फोटो सोर्स – Freepik
Seeds For Brain Power: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में दिमाग को सक्रिय और स्मरण शक्ति को तेज बनाए रखना हर किसी की जरूरत बन गई है। चाहे छात्र हों, वर्किंग प्रोफेशनल्स या बुजुर्ग सभी चाहते हैं कि उनकी मेमोरी तेज रहे और ध्यान केंद्रित रहे। इसके लिए जरूरी है दिमाग को सही पोषण देना।
सुपरफूड्स की इस दौड़ में छोटे-छोटे बीजों की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, प्रोटीन और कई तरह के विटामिन्स से भरपूर होते हैं जो ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 पौष्टिक बीज जो दिमाग को देंगे सुपरपावर, साथ ही ये कैसे खाएं इसका तरीका भी।
अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से ALA (Alpha-Linolenic Acid) से भरपूर होते हैं। ये ब्रेन सेल्स की हेल्थ सुधारते हैं और मानसिक थकान को कम करते हैं।
कैसे खाएं
सुबह गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच पिसी हुई अलसी लें।
दही, ओट्स या स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं।
ध्यान रखें, साबुत की बजाय पिसी हुई अलसी जल्दी पचती है।
सूरजमुखी के बीजों में विटामिन E अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को सपोर्ट करता है और याददाश्त को तेज बनाता है।
कैसे खाएं
इन्हें भूनकर स्नैक की तरह खाएं।
सलाद या ओटमील में टॉपिंग के तौर पर इस्तेमाल करें।
रोजाना 1-2 चम्मच की मात्रा पर्याप्त है।
कद्दू के बीज मैग्नीशियम, जिंक और आयरन से भरपूर होते हैं, जो दिमाग की कार्यक्षमता, याददाश्त और मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
कैसे खाएं
रोस्टेड पम्पकिन सीड्स को लंच के साथ लें।
स्मूदी बाउल या योगर्ट में मिलाएं।
रोजाना एक मुठ्ठी भर बीज पर्याप्त हैं।
चिया सीड्स फाइबर, ओमेगा-3 और एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत हैं। ये मस्तिष्क को ऊर्जा देते हैं और मेमोरी रिटेंशन में मदद करते हैं।
कैसे खाएं
इन्हें रातभर पानी या दूध में भिगोकर खाएं
चिया पुडिंग बनाकर ब्रेकफास्ट में लें
स्मूदी या जूस में मिलाकर पिएं
तिल के बीजों में टायरोसीन पाया जाता है, जो ब्रेन में डोपामिन का उत्पादन बढ़ाता है। इससे मूड अच्छा रहता है और फोकस बेहतर होता है।
कैसे खाएं
लड्डू या चटनी के रूप में शामिल करें।
रोटी पर तिल छिड़ककर सेंक सकते हैं।
रोजाना 1-2 चम्मच लेना पर्याप्त है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
08 Jul 2025 11:06 am
Published on:
08 Jul 2025 10:23 am
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