
Snake bite first aid steps फोटो सोर्स – Freepik
Snake Bite Treatment: बारिश का मौसम जहां हरियाली और राहत लेकर आता है, वहीं यह कई तरह की समस्याएं भी साथ लाता है ।जिनमें से एक है सांप के काटने की घटनाओं में तेजी। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में, जहां खेत-खलिहान, झाड़ियां और पानी भरे गड्ढों की भरमार होती है, वहां मानसून में सांपों के छिपने और इंसानों के संपर्क में आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। कीचड़, गीली जमीन और बाढ़ जैसे हालात सांपों को खुले स्थानों की ओर धकेलते हैं और यही वजह है कि इस मौसम में सांप के काटने के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं।इस लेख में इससे जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है।
भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा सांप के काटने से मौतों वाला देश है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2000 से 2019 के बीच लगभग 12 लाख लोगों की मौत सांप के डसने से हुई। यह आंकड़ा बताता है कि हर साल औसतन 58,000 लोग सांप के जहर से अपनी जान गंवा देते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी रिकॉर्ड्स में सिर्फ 10% मामले ही दर्ज होते हैं, क्योंकि 70-80% ग्रामीण लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते और घरेलू इलाज या झाड़-फूंक पर निर्भर रहते हैं।
भारत में सांपों की हजारों प्रजातियां हैं, लेकिन सांप के काटने के 90% मामलों में चार प्रजातियां जिम्मेदार होती हैं:
-कॉमन क्रेट (Common Krait)
-इंडियन कोबरा (Indian Cobra)
-रसेल वाइपर (Russell’s Viper)
-सॉ स्केल्ड वाइपर (Saw-scaled Viper)
इन चारों को ‘Big Four Snakes’ कहा जाता है और इनका जहर बेहद घातक होता है। समय पर इलाज न मिले तो ये सांप कुछ घंटों में ही इंसान की जान ले सकते हैं।
सांप के काटने पर शांत रहना जरूरी है, क्योंकि घबराने से जहर तेजी से शरीर में फैल सकता है।सही सूझ-बूझ से समय रहते इलाज करना जान बचा सकता है।
पुराने जमाने में यह आम सलाह दी जाती थी कि जहर को मुंह से चूसकर निकाल दें। लेकिन यह तरीका न सिर्फ बेअसर है, बल्कि खतरनाक भी हो सकता है। इससे जहर मुंह में फैल सकता है और चूसने वाले व्यक्ति को भी खतरा हो सकता है।
कई लोग काटे गए हिस्से पर रबर या कपड़ा कसकर बांध देते हैं ताकि जहर न फैले। लेकिन यह तरीका गलत है क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है, और जब पट्टी हटाई जाती है तो जहर तेजी से पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके अलावा यह टिशू डैमेज और गैंगरीन का कारण बन सकता है।
शांत रहें और घबराएं नहीं: जहर का असर तेज तब होता है जब दिल की धड़कन बढ़ जाती है। इसलिए शांत रहना जरूरी है।
काटे गए अंग को स्थिर रखें: कोशिश करें कि जिस हिस्से को सांप ने काटा है, वह हिलने न पाए।
तुरंत अस्पताल ले जाएं: सांप के काटने के इलाज में समय सबसे अहम होता है। बिना देर किए नजदीकी मेडिकल सेंटर पर जाएं।
सांप का जहर कई तरह का होता है जैसे न्यूरोटॉक्सिक (तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करता है), हेमोटॉक्सिक (खून को प्रभावित करता है), और साइटोटॉक्सिक (ऊतक को नुकसान पहुंचाता है)। इसलिए हर केस में इलाज अलग हो सकता है।
एंटी वेनम (Anti-venom) ही इकलौता कारगर इलाज है, लेकिन इसे डॉक्टर की निगरानी में देना चाहिए।
घरेलू उपायों से परहेज करें, जैसे नीम, हल्दी या झाड़-फूंक। ये न सिर्फ बेअसर हैं बल्कि इलाज में देरी की वजह बन सकते हैं।
Updated on:
09 Jul 2025 11:23 am
Published on:
09 Jul 2025 11:21 am
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