
स्पेस में अंतरिक्ष यात्री का जीवन कैसा होता है
What do Astronauts Eat and Drink: कल्पना चावला हो या सुनीता विलियम्स या फिर कोई अन्य एस्ट्रोनॉट, उनकी तस्वीरों को देखकर ये समझ आ गया है कि अंतरिक्ष पर पृथ्वी जैसा जीवन आसान नहीं। NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स करीब 9 माह से वहां पर फंसी रहीं। उसके बाद सुरक्षित तरीके से उनको धरती पर लाया गया (Sunita Williams Return)। ऐसे में ये सवाल मन उठता है कि आखिर अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट क्या खाते-पीते (Space food list) हैं, अंतरिक्ष में बाथरूम (Bathroom In Space) कहां जाते होंगे यानि कुल मिलाकर अंतरिक्ष में ये एस्ट्रोनॉट कैसे जीते हैं? सुनीता विलियम्स (Sunita Williams Latest News) ने कैसे नौ माह तक खुद को जिंदा रखा है। हम यहां पर जानेंगे।
अंतरिक्ष में वही खाना जाता है जो हम धरती पर खाते हैं। अंतरिक्षयात्री की पसंद के हिसाब से खाना जाता है। हालांकि, इसके लिए फूड एंड हेल्थ की एक टीम होती है जो एस्ट्रोनॉट और अंतरिक्ष के हिसाब से खाना पैक करती है। फ्रेश फ्रूट्स को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही कार्ब्स से भरपूर खाना अधिक दिया जाता है। जैसे कि सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में क्या कुछ खाया है उसे देखकर समझ सकते हैं।
NY Post की रिपोर्ट के अनुसार, पिज्जा, रोस्ट चिकन आदि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने खाया। हालांकि, इसकी एक तस्वीर भी सामने आई थी। जिसमें वो दोनों मजे से बैठकर खाते दिखे थे। इससे ये स्पष्ट है कि नॉर्मल खाना ही वहां खाते हैं।
अंतरिक्ष की फूड लिस्ट की बात करें तो ये निर्धारित नासा की टीम करेगी या जैसे इसरो है तो वो उनकी टीम इस फूड लिस्ट को तैयार करती है। इसमें फल, सब्जी, रेडी टू ईट चीजें आदि को शामिल किया जाता है। एक दिन के लिए करीब 1.7 किलो का एक फूड कंटेनर भेजा जाता है। जिसमें खाने-पीने की चीजें होती हैं। ये भी जान लें कि दूध जैसी चीजों को पाउडर के रूप में भेजा जाता है। साथ ही चिकन, मटन, अंडा जैसी चीजों को धरती पर ही पका कर भेजा जाता है।
अगर फूड कंटनेर की बात करें तो ये खास प्रकार का होता है। इसे थर्मो-स्टेबलाइज्ड टैक्निक से बनाया जाता है। फ्लेक्सिबल फॉयल लैमिनेटेड पाउच में रखा जाता है ताकि अंतरिक्ष में फूड को रेडिएशन से बचाया जा सके। साथ ही ये पैक खाने को गर्म रखने में भी मदद करते हैं।
मल-मूत्र त्यागना एक नेचुरल प्रक्रिया है। आप कहीं भी हो लेकिन इसे करना ही है। इसलिए अंतरिक्ष में भी खास प्रकार की टॉयलेट शीट बनी होती है। जहां पर मल-मूत्र इकट्ठा हो जाते हैं। उसमें 30 बार का मल-मूत्र एकत्र हो सकता है।
साथ ही ये भी जान लें कि ISS अंतरिक्ष यात्रियों के मूत्र और पसीने को भी ताजे पानी में बदल देता है, जिससे बहुत कम अपशिष्ट निकलता है। इससे अंतरिक्ष पर मानव कचरा कम करने में काफी मदद मिलती है।
Updated on:
19 Mar 2025 02:23 pm
Published on:
17 Mar 2025 02:48 pm
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