A1 Vs A2 Milk: इन दिनों "A1" और "A2" दूध और घी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। ये दोनों प्रकार दिखने में तो एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनके स्रोत, पोषण तत्व और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं। आए जानें इसके बारे में जानकारी।
A1 Vs A2 Milk Benefits: आजकल सेहत को लेकर लोग पहले से कहीं ज्यादा जागरूक हो गए हैं, खासकर जब बात आती है रोज़मर्रा के खानपान की। दूध और घी भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। ऐसे में बाजार में A1 और A2 दूध या घी की खूब चर्चा हो रही है।लोग अक्सर पूछते हैं कि कौन-सा दूध स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर है A1 या A2? यह फर्क गायों की नस्ल और उनके दूध में मौजूद प्रोटीन के प्रकार पर आधारित होता है। दरअसल, दूध में पाया जाने वाला प्रमुख प्रोटीन है बीटा-कैसीन, और इसी के दो प्रकार होते हैं A1 और A2।आइए इस लेख में इन दोनों प्रकारों की गहराई से तुलना करें और समझें कि आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प कौन-सा है।
नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (NAAS) के एक शोध के अनुसार, गाय के दूध में 80 से 85 प्रतिशत हिस्सा कैसीन प्रोटीन का होता है। इसमें भी बीटा-कैसीन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह प्रोटीन अमीनो एसिड का एक अच्छा स्रोत है।
A1 दूध: यह बीटा-कैसीन का A1 वेरिएंट होता है, जो ज़्यादातर विदेशी या यूरोपीय नस्लों जैसे होल्सटीन, फ्रिजियन और जर्सी गायों में पाया जाता है।
A2 दूध: A2 बीटा-कैसीन ज्यादातर भारतीय देसी गायों जैसे गिर, साहीवाल, राठी, थरपारकर आदि में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है।
A1 और A2 प्रोटीन की रचना में केवल एक अमीनो एसिड का अंतर होता है, लेकिन यह छोटा-सा अंतर पाचन प्रक्रिया पर बड़ा असर डाल सकता है।
कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि A2 दूध में मौजूद बीटा-कैसीन पचाने में आसान होता है और यह एलर्जी, सूजन या अपच जैसी समस्याओं को कम कर सकता है।
-गैस, अपच और पेट फूलने की समस्या कम हो सकती है।
-बच्चों, बुजुर्गों और लैक्टोज सेंसिटिव लोगों को फायदा हो सकता है।
-इम्यून सिस्टम को समर्थन मिल सकता है।
-यह अधिक प्राकृतिक और शरीर के लिए अनुकूल माना जाता है।
हालांकि, वैज्ञानिक रूप से A2 दूध को पूरी तरह “सुपीरियर” कहने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।
जब दूध से घी बनाया जाता है, तो उसके पोषक तत्व भी उसी के अनुसार होते हैं।A2 दूध से बना घी शरीर में जल्दी पचता है और आयुर्वेद में इसे सात्विक और औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। देसी गाय का घी मस्तिष्क के विकास, हड्डियों की मजबूती और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा दे सकता है।वहीं, A1 दूध से बना घी कुछ लोगों के लिए भारी या एलर्जिक हो सकता है।
अगर आप देसी गायों से प्राप्त A2 दूध या घी का विकल्प चुनते हैं, तो यह पाचन और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हो सकता है।खासकर बच्चों, बुजुर्गों और लैक्टोज सेंसिटिव लोगों के लिए A2 दूध एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
हालांकि, A1 दूध पूरी तरह हानिकारक नहीं है, लेकिन यदि आपको पाचन या एलर्जी से जुड़ी कोई समस्या है, तो A2 दूध और घी आपके लिए अधिक अनुकूल हो सकते हैं।ध्यान दें कि A1 और A2 दोनों ही दूध पोषक होते हैं, लेकिन आपकी सेहत, शरीर की जरूरत और सहनशक्ति के अनुसार सही विकल्प चुनना जरूरी है। अगर कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या हो तो डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की सलाह लेना उचित होगा।