लोगों को खुश करने की नहीं, उनके दुख मिटाने की है जरूरत : कोई भी सरकार देश के सिटिजंस को खुश नहीं कर सकती है। लेकिन उन सिटिजंस को ऐसी संस्थाएं (institutions), सुविधाएं और सेवाएं (services) दे सकती हैं जो सही ढंग से और अच्छा काम करने में सक्षम हो। इस तरह की संस्थाएं जो सिन्सियर होकर सुचारु रूप से अपना काम करे वे लोगों के जीवन से दुख के कई सोर्स को दूर कर सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा की फ़िनलैंड दुनिया में सबसे ज़्यादा खुश देश इसलिए नहीं है क्योंकि फिनलैंड में दूसरे देशों की तुलना में अधिक खुश लोग है बल्कि यह देश इसलिए खुश है क्योंकि यहां के संस्थान लोगों की इतनी अच्छी तरह से सेवा करते हैं। यही कारण है की फिनलैंड और अन्य नॉर्डिक देशों में दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले में लोग कम दुखी हैं।
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क्या काम करती हैं यहां की संस्थाएं : इस देश में लोग अपने लाइफ चैलेंजेज के समय अपनी देखभाल के लिए इन संस्थाओं पर भरोसा करते हैं। यह संस्थाएं स्वास्थ्य देखभाल, मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारों को भुगतान और पेंशन और भी अन्य सुविधाओं से अपने सिटिजंस की देखभाल करते हैं।
बेशक पूरी तरह से नहीं, लेकिन दुनिया में लगभग किसी और देश से कई बेहतर सेवाएं यहां मिलती है। फ़िनलैंड में संस्थान अपना काम करती हैं। लोगों को लगता है कि उनकी आवाज़ सुनी जाती है, और संस्थान वही देती हैं जो उन्हें देना चाहिए।
इसके अलावा भ्रष्टाचार की कमी, प्रेस की स्वतंत्रता, कानून के शासन, या लोकतंत्र की गुणवत्ता पर रैंकिंग को देखते हुए, फ़िनलैंड और अन्य नॉर्डिक देश लगातार दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में से हैं। इससे पता चलता है कि खुशहाल देश वो है जहां लोगों को सुविधाएं मिले और वहां की संस्थाएं सुचारु रूप और लगन से काम करें।