अक्षय तृतीया पर लखनऊ में बिका 34 किलो सोना, सर्राफा बाजारों में हुई धन वर्षा
लखनऊ के सभी सर्राफा बाजारों में 300 किलो बिकी चांदी, आभूषणों पर मेकिंग चार्ज पर रहा 20 से 30 फीसद तक की छूट का अच्छा आफर, देर रात तक खरीदारी जारी रही आइये जानते हैं…
अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को सोने की कीमतों में भारी उछाल के बाद भी बाजार देर रात तक गुलजार रहा। लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के मुताबिक देर रात तक करीब 34 किलो सोना जिनकी कीमत 25 करोड़ 33 लाख और 300 किलो चांदी जिसकी कीमत करीब 25 लाख की बिक्री हुई है।
अबूझ मुहूर्त तिथि होने से अक्षय तृतीया पर सोना और नई वस्तुओं को खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। त्योहार को लेकर सर्राफा कारोबार में देर रात तक रौनक रही। सर्राफा कारोबारियों ने ग्राहकों को तमाम तरह के ऑफर देकर रिझाने की कोशिश की। कहीं आभूषण बनवाने पर 20 से 30 फीसदी की छूट दी गयी तो कहीं सोना-चांदी खरीदने पर उपहार दिए गए।
उत्तर प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक के कारोबार की उम्मीद
सर्राफा व्यापारियों को इस त्योहार से पूरे प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है। वहीं रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बूम रहा। अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त तिथि होने पर सभी शुभ कार्य किए जाते है। इस मौके पर नए कार्य का शुभारंभ करना भी बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है। त्योहार को लेकर सर्राफा बाजारों की दुकानों को आकर्षक रूप से सजाया गया था।
सुबह से ही बाजार हुए गुलजार,एंटीक आभूषणों की बढ़ी मांग
सर्राफा कारोबारी विनोद महेशवरी का कहना है कि अक्षय तृतीया के बाद अब सहालग आएगी इसको देखते हुए एंटीक आभूषणों ज्यादा मांग रही। इसके साथ ही अब बाजार में सोने-चांदी के अलावा हीरा खरीदने के प्रति लोगों में क्रेज बढ़ा है। शुक्रवार को सुबह से ही सर्राफा बाजार गुलजार हो गया, दुकानों को आकर्षक रूप से सजाया गया था।
ब्रांडेड कंपनियों के शो रूप में रात तक लगी रही भीड़
सोने की देर कीमतें बढ़ने के कारण लोगों ने कम वजन के फैंसी आइटम के आभूषणों को बहुत पसंद किया। इसको लेकर मशीनों से बने फैंसी आइटम की मांग सबसे अधिक रही। ग्राहको को लुभाने के लिए कारोबारियों ने हल्के वजन की इटेलियन, टर्की डिजाइन की ज्वेलरी की अच्छी रेंज उतारी थी। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (इब्जा) के नॉर्थ इंडिया हेड अनुराग रस्तोगी ने बताया कि सोने फैंसी आईटम की सबसे अधिक मांग रही।