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69 हजार शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से अभ्यर्थियों में आक्रोश, शिक्षा मंत्री आवास घेर कर किया हंगामा

UP Teacher Recruitment Protest: उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने के कारण नाराज अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि सरकार कोर्ट में मजबूती से पक्ष नहीं रख रही, जिससे मामला लटक रहा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Mar 24, 2025

UP Teacher Recruitment Protest

UP Teacher Recruitment Protest

69k Teachers Protest: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के खिलाफ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। सोमवार को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की मजबूती से पैरवी नहीं कर रही, जिससे हजारों उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिली, जिससे उनके आक्रोश का स्तर बढ़ गया है।

प्रदर्शन का कारण और अभ्यर्थियों की मांग

  • 69,000 शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में आयोजित की गई थी, लेकिन इसके परिणामों में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ कथित रूप से अन्याय हुआ।
  • हाईकोर्ट का फैसला: 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय दिया था और सरकार को आदेश दिया था कि तीन महीने के भीतर उन्हें नियुक्ति दी जाए।
  • सरकार की निष्क्रियता: अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार इस आदेश के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं कर रही।
  • सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला: अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जहां अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है।

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अभ्यर्थियों का आक्रोश और सरकार से सवाल

  • प्रदर्शनकारियों में से एक, अमरेंद्र पटेल, जो इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं, ने कहा:
  • “सरकार ‘8 साल मिसाल’ का नारा दे रही है, लेकिन हमारे लिए यह 5 साल बेहाल रहे। सुप्रीम कोर्ट में हमारी ओर से प्रभावी पैरवी नहीं की जा रही है। हम सरकार से अपील करते हैं कि वे जल्द से जल्द इस मामले का निस्तारण करें और हमें न्याय दिलाएं।”
  • अन्य अभ्यर्थियों ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो उन्हें अपने हक के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन करना पड़ेगा।

सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई

सरकार की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले में कानूनी प्रक्रिया को लेकर मंथन कर रहा है।

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मुख्य बिंदु

  • 2018 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई।
  • हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने नियुक्ति नहीं दी।
  • अभ्यर्थी सरकार से सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करने की मांग कर रहे हैं।
  • सरकार की निष्क्रियता से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है।

क्या आगे होगा

अभ्यर्थियों की नाराजगी को देखते हुए यह संभावना है कि सरकार जल्द ही इस मामले पर कोई ठोस निर्णय ले सकती है। 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की दलीलें और न्यायालय का फैसला इस मुद्दे की दिशा तय करेगा।