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‘ये’ लिखा तो नप जाओगे डॉक्टर बाबू!

उत्तर प्रदेश में डॉक्टर द्वारा किसी भी मरीज को जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं लिखने पर कार्रवाई होगी। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने सभी डॉक्टरों के लिए निर्देश जारी किए हैं कि वह दवाओं के ब्रांड का नाम नहीं बल्कि उसके साल्ट का नाम लिखेंगे।

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Doctor File Photo

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उत्तर प्रदेश में डॉक्टर द्वारा किसी भी मरीज को जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं लिखने पर कार्रवाई होगी। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने सभी डॉक्टरों के लिए निर्देश जारी किए हैं कि वह दवाओं के ब्रांड का नाम नहीं बल्कि उसके साल्ट का नाम लिखेंगे। अगर कोई डॉक्टर ब्रांडेड दवा लिखते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने डॉक्टरों द्वारा जेनरिक दवाएं न लिखकर ब्रांडेड दवाएं लिखने के सख्त निर्देश चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। इस बारे में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से शासनादेस जारी कर दिया गया।

सूची प्रदर्शित करने के निर्देश

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को जारी शासनादेश में सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की सूची प्रदर्शित करें। किसी भी कीमत पर डॉक्टर मरीज को बाहर की दवाएं नहीं लिखेंगे। जन औषधी केंज्रों का बेहतर ढंग से संचालन किया जाएगा।

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ब्रांड की जगह लिखें साल्ट का नाम

अगर अस्पताल में कोई दवा उपलब्ध नहीं है और डॉक्टर मरीज को बाहर से दवा लिख रहा है तो वह दवा के ब्रांड का नाम लिखने की बजाए साल्ट का नाम लिखेगा। ताकि मरीज सरकारी अस्पताल के जन औषधि केंद्र से जेनरिक दवा खरीद सके। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। आदेश का पालन न करने वाले डाक्टरों पर कार्रवाई होगी।

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