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I Love Muhammad Campaign: बरेली हिंसा के बाद मौलाना खालिद रशीद की अपील: ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान रोका जाए

I Love Muhammad Campaign Bareilly Violence: बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील करते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद (स.) से मोहब्बत का असली इज़हार आचरण से होना चाहिए, न कि ऐसे पोस्टरों और नारों से जिनसे समाज में तनाव और लोगों को असुविधा पहुँचे।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Sep 28, 2025

बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील: मौलाना खालिद रशीद का बयान     (फोटो सोर्स : Whatsapp) बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील: मौलाना खालिद रशीद का बयान     (फोटो सोर्स : Whatsapp) बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील: मौलाना खालिद रशीद का बयान     (फोटो सोर्स : Whatsapp) बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील: मौलाना खालिद रशीद का बयान     (फोटो सोर्स : Whatsapp)

बरेली हिंसा के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान पर रोक लगाने की अपील: मौलाना खालिद रशीद का बयान     (फोटो सोर्स : Whatsapp)

I Love Muhammad Trend: बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर लेकर हुए बवाल के बाद अब इस अभियान को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान जारी करते हुए मुसलमानों से अपील की है कि मोहब्बत और आस्था का इज़हार किसी भी ऐसे तरीके से न किया जाए जिससे समाज में तनाव पैदा हो या पड़ोस के लोग असुविधा महसूस करें।
पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत, मगर समाज की जिम्मेदारी भी जरूरी

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि अगर आप वाकई पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से मोहब्बत करते हैं, तो उनकी बताई हुई हिदायतों और आदर्शों पर अमल कीजिए। पैगंबर ने हमेशा शांति, भाईचारा और पड़ोसियों के हक का ख्याल रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा –“अगर हमारे किसी काम से पड़ोसियों को तकलीफ होती है या समाज में अराजकता फैलती है, तो यह मोहब्बत का नहीं बल्कि गलत रास्ते पर चलने का संकेत है।”

हिंदू भाइयों के त्योहार में न हो बाधा

मौलाना ने विशेष तौर पर कहा कि मुसलमानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हिंदू भाइयों के त्योहारों में किसी प्रकार की असुविधा या परेशानी न हो। “हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने त्योहारों को भी इस तरह मनाएं कि दूसरों की आस्था और उनके आयोजनों में कोई खलल न पड़े। यही पैगंबर की सच्ची मोहब्बत और इंसानियत का संदेश है।”

रबी उल अव्वल महीने में मोहब्बत का इज़हार

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि रबी उल अव्वल का महीना पैगंबर मोहम्मद के जन्म का महीना है। इस दौरान मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर मोहब्बत और आस्था का इज़हार किया। जुलूस, मिलाद और अन्य कार्यक्रमों के जरिए लोगों ने पैगंबर की शिक्षाओं को याद किया। लेकिन यह भी सच है कि कुछ नए ट्रेंड्स ने समाज में तनाव की स्थिति पैदा कर दी।

‘आई लव मोहम्मद’ ट्रेंड पर चिंता

हाल ही में सोशल मीडिया और जुलूसों में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर और बैनर दिखाई देने लगे। यह ट्रेंड कई जगहों पर विवाद का कारण बना। बरेली में इसी को लेकर हिंसा भड़क गई थी। मौलाना ने कहा कि मोहब्बत का इज़हार दिल में और कर्मों के जरिए होना चाहिए, न कि ऐसे नारों और पोस्टरों से जिनसे समाज में विभाजन की दीवार खड़ी होती हो।
“नई ट्रेंड्स को रोकने की जरूरत है। अगर मोहब्बत दिखानी है तो अपने आचरण से दिखाइए – पड़ोसियों की मदद कीजिए, गरीबों का सहारा बनिए, शिक्षा पर जोर दीजिए। यही असली मोहब्बत है।”

समाज को दिया संयम और शांति का संदेश

मौलाना ने अपील की कि मुस्लिम समाज को भावनाओं में बहकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे communal harmony को चोट पहुंचे। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद (स.) ने हर मजहब और हर धर्म के अनुयायियों के प्रति समान व्यवहार का संदेश दिया।“हमारे लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम समाज में अमन और भाईचारा कायम करें। अगर हम इस जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे तो यह पैगंबर की सच्ची मोहब्बत नहीं होगी।”

प्रशासन और धर्मगुरुओं की चुनौती

बरेली की घटना के बाद प्रशासन भी सतर्क है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही है। अब धर्मगुरुओं की अपील सामने आना इस बात का संकेत है कि समाज का नेतृत्व भी चाहता है कि तनाव और विवाद की स्थिति न बने।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौलाना खालिद रशीद जैसे प्रभावशाली धर्मगुरु का यह बयान स्थिति को सामान्य करने और समाज में विश्वास का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।

सोशल मीडिया की भूमिका पर सवाल

‘आई लव मोहम्मद’ अभियान सोशल मीडिया से ही फैला और धीरे-धीरे जुलूसों तक पहुंच गया। मौलाना ने कहा कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड्स की अंधाधुंध नकल समाज के लिए खतरनाक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे ऐसे ट्रेंड्स में शामिल न हों जो समाज को बांटने का काम करते हों।