
Indigo Flight News: पूर्वी उत्तर प्रदेश में शनिवार को खराब मौसम ने वायु यात्रा को बाधित कर दिया। तेज़ हवा, घने बादल और अचानक बिगड़े दृश्यता स्तर ने दो बड़ी घरेलू उड़ानों को प्रभावित किया। अहमदाबाद और दिल्ली से वाराणसी आ रही इंडिगो की दो फ्लाइट्स को मजबूरन डायवर्ट करना पड़ा। इन विमानों में कुल 334 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। यात्रियों को विमान में ही लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा, जबकि परिजन हवाई अड्डों पर उनकी सुरक्षित आगमन की राह देखते रहे।
पहली घटना इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6805 से जुड़ी थी। यह विमान सुबह अहमदाबाद से वाराणसी के लिए रवाना हुआ था। विमान में 148 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे। जैसे ही विमान वाराणसी के हवाई क्षेत्र में पहुँचा, मौसम ने करवट बदली। घने बादल और तेज़ हवाओं ने दृश्यता को इतना कम कर दिया कि लैंडिंग जोखिमपूर्ण हो गई। पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क कर विमान को लखनऊ एयरपोर्ट डायवर्ट करने का निर्णय लिया।
लखनऊ एयरपोर्ट पर यह विमान सुरक्षित उतारा गया। हालांकि यात्री उम्मीद कर रहे थे कि विमान तुरंत रवाना हो जाएगा, लेकिन मौसम की स्थिति सुधरने में समय लगा। इस दौरान यात्रियों को विमान के भीतर ही बैठाए रखा गया। एयरलाइन के कर्मचारियों ने यात्रियों को पानी और हल्का नाश्ता उपलब्ध कराया।
इसी तरह दिल्ली से वाराणसी आने वाली इंडिगो की एक अन्य फ्लाइट में भी मौसम ने अड़चन पैदा कर दी। इस विमान में 186 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे। वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरने की तैयारी चल रही थी, लेकिन अचानक मौसम खराब हो गया। पायलट को मजबूरन विमान का रूट बदलना पड़ा।
यात्रियों को विमान में ही इंतजार करना पड़ा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी चिंता जताई और एयरलाइन से बार-बार जानकारी माँगी। हालांकि, एयरलाइन ने साफ किया कि “सभी यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा।” अंततः मौसम सामान्य होने के बाद विमान ने वाराणसी के लिए उड़ान भरी और यात्री सुरक्षित पहुँचे।
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अचानक बादल छा गए, आंधी और हल्की वर्षा हुई। वाराणसी में दृश्यता अचानक गिरकर 800 मीटर से भी कम रह गई, जबकि विमान को सुरक्षित उतरने के लिए कम से कम 1500 मीटर दृश्यता की आवश्यकता होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक विमानन तकनीक के बावजूद मौसम अभी भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। कई हवाई अड्डों पर CAT-II या CAT-III जैसी एडवांस्ड लैंडिंग सुविधाएँ हैं, लेकिन सभी जगह यह उपलब्ध नहीं होती। वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंडिंग सिस्टम की क्षमता सीमित है, जिसके कारण पायलट को जोखिम लेने के बजाय डायवर्ट करने का फैसला लेना पड़ा।
एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन (सेवानिवृत्त) आर.के. मेहरा ने कहा,“डायवर्सन यानी मार्ग परिवर्तन यात्रियों के लिए असुविधाजनक ज़रूर होता है, लेकिन यह सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कदम है। पायलट को कभी भी जोखिम लेकर खराब मौसम में विमान को उतारने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यात्रियों को समझना चाहिए कि ऐसी स्थिति में एयरलाइन का हर फैसला केवल उनकी सुरक्षा के लिए होता है।”
दूसरी ओर नागरिक उड्डयन विभाग (DGCA) के एक अधिकारी ने बताया कि लगातार मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने और एयरलाइनों को समय पर अलर्ट देने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिर भी, अचानक बदलते मौसम की स्थितियाँ कभी-कभी सभी तकनीकी तैयारियों को भी मात दे देती हैं।
इंडिगो एयरलाइन ने घटना पर बयान जारी करते हुए कहा, “दोनों फ्लाइट्स को खराब मौसम की वजह से डायवर्ट किया गया। हमारे लिए यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं और भविष्य में बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करेंगे।”
लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन ने भी समय रहते सभी आवश्यक इंतजाम किए। एयरपोर्ट स्टाफ ने यात्रियों को पानी, प्राथमिक चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराईं। वहीं वाराणसी एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा कि मौसम सामान्य होने के बाद सभी फ्लाइट्स की लैंडिंग और टेक ऑफ प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू कर दी गई।
Updated on:
28 Sept 2025 11:43 am
Published on:
28 Sept 2025 09:04 am
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