
लखनऊ. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि जनता भाजपा (BJP) के झूठे प्रचार के झांसे में आने वाली नहीं है। वह भाजपा सरकार के जनविरोधी कामों का पूरा हिसाब लेगी। अब किसान हर गांव में भाजपा का खेत खोदकर उन्हें जड़ से उखाड़ कर बताएंगे कि कैसे ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य के धोखे के बदले वह इनके विरूद्ध ‘अधिकतम विरोध‘ कर भाजपा का ही दानापानी बंद कर देगा। भाजपा ने बहुमत के बल पर विपक्ष की अनदेखी कर जो किसान विरोधी काला कानून पास किया है उसके विरूद्ध देशभर में हो रही प्रतिक्रिया को नज़र अंदाज करना उसे बहुत भारी पड़ेगा।
भाजपा की नीति और नीयत दोनों किसान हितों के विरोध की है। उसने किसानों की 2022 तक आय दुगनी करने, लागत से डयोढ़ा गुना ज्यादा फसल की कीमत देने तथा कर्जमाफी के वादे किए थे। इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। जब आलू, प्याज जैसी जरूरी सब्जियों की जमाखोरी होती थी तो सरकारों के हाथों में कार्रवाई की शक्ति थी। भाजपा सरकार ने यह व्यवस्था खत्म कर दी। अब जमाखोर चाहे जितनी कालाबाजारी कर सकते हैं, जनता को लूटने की उन्हें आजादी मिल गई हैं। यदि इस किसान विरोधी कानून से किसानों को राहत मिली होती तो अध्यादेश लागू होने के बाद भी मक्का की कीमत एक हजार रूपये प्रति कुंटल क्यों होती जबकि पिछले वर्ष यह 2200 रूपये प्रति कुंटल थी। भाजपा के झूठे प्रचार की अब हर दिन पोल खुल रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मंडियों में काम करने वाले लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। किसान मारा-मारा घूम रहा है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियां और कुछ उद्योगपति घात लगाए बैठे हैं कि किसान की उपज औनेपौने दाम देकर खरीद लें। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की सरकारें इसका ही इंतजार कर रही है। भाजपा सरकार को गन्ना किसानों के बकाये की चिंता नहीं है। चीनी मिल मालिकों की मनमानी पर रोक नहीं है। किसानों से भाजपा राज में जबरन जमीनें छीनी जा रही है। उन्हें उचित मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। भाजपा सरकार को भू-अधिग्रहण पर सर्किल रेट बढ़ाकर 6 गुना दाम किसानों को देना चाहिए। परिवार की स्थिति व जरूरत के हिसाब से कृषक परिवार में किसी को नौकरी भी देनी चाहिए। सरकार कमजोर के हितों की पोषक होनी चाहिए न कि सत्ता मद में शोषणकारी बन जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि हर नागरिक को अन्नदाता किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए। भाजपा सरकार एमएसपी और मंडी के नाम पर लोगों का सारा ध्यान फसल की खरीद फरोख्त में लगा देना चाहती है जबकि उसका असली उद्देश्य कृषि भूमि पर कब्जा करना है। किसान की जमीन और फसल पर आंखे गड़ाए भाजपाई अपने पूंजीपति हमदर्दों के हित में चाहे जितना छल कर लें लेकिन मजदूरी, दवाई, उधारी, और घर खर्चे से परेशान किसान और बेरोजगारी से हताश नौजवान अब सड़क-गांव पर भाजपा के बहिष्कार का मन बना चुके हैं।
Published on:
29 Sept 2020 07:53 pm
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