10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होगा अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन : सतीश महाना

सतीश महाना ने बताया कि अगले वर्ष जनवरी में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन लखनऊ में होगा। यह सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को प्रस्तावित है। इसमें देशभर के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति हिस्सा लेंगे

less than 1 minute read
Google source verification

जनवरी में होगा अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन, PC- IANS

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अगले वर्ष जनवरी में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन लखनऊ में होगा। यह सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को प्रस्तावित है। इसमें देशभर के विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति हिस्सा लेंगे।

विधानसभा के मानसून सत्र के बाद सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में महाना ने बताया कि पिछले वर्ष यह सम्मेलन पटना में हुआ था, उससे पहले महाराष्ट्र में आयोजित हुआ था और अब इसकी मेजबानी लखनऊ करेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस सम्मेलन में शामिल होने की सहमति दे चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि लोकसभा से एक टीम आकर प्रतिनिधियों की संख्या और अन्य व्यवस्थाओं पर निर्णय करेगी। प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों से परिचित कराया जाएगा। इसमें अयोध्या, काशी और बौद्ध सर्किट का भ्रमण शामिल रहेगा।

महाना ने सदन की कार्यवाही की जानकारी देते हुए कहा कि 11 से 14 अगस्त तक मानसून सत्र चला। इस दौरान 24 घंटे की विशेष चर्चा में सत्ता और विपक्ष दोनों ने सक्रिय भागीदारी की। पूर्ण विधानसभा तभी होती है जब दोनों पक्ष बराबर भाग लें। इस बार महत्वपूर्ण विषयों पर स्वस्थ चर्चा हुई, जिसका परिणाम जनता तक पहुंचेगा। इसके बाद विषयों को संकलित कर पुनः सदन में चर्चा होगी और विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अब विधानसभा में आने वाली सूचनाओं का जवाब 30 दिनों के भीतर देना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह अवधि 90 दिन थी। इस नियम परिवर्तन के कारण विभागों की जवाबदेही और स्पष्ट हो गई है। डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति पर पूछे गए प्रश्न पर महाना ने कहा कि यह सरकार का अधिकार क्षेत्र है और इस पर निर्णय सरकार ही करेगी।