
दीपोत्सव-2025 में बनेंगे विश्व रिकॉर्ड, 26 लाख दीयों, 1100 ड्रोन के भव्य शो और 2100 लोगों द्वारा महाआरती (फोटो सोर्स : WhatsApp)
Ayodhya Deepotsav 2025: भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या इस वर्ष फिर इतिहास रचने को तैयार है। प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी आयोजन दीपोत्सव-2025 की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग इस आयोजन को अब तक का सबसे भव्य, भव्यतम और अद्वितीय रूप देने में जुटा है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि “अयोध्या का दीपोत्सव केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत, तकनीकी नवाचार और सामाजिक एकता का संगम बन चुका है। इस वर्ष का आयोजन विश्व पटल पर भारत की नई छवि प्रस्तुत करेगा।”
बैठक में मंत्री जयवीर सिंह ने निर्देश दिया कि 18 अक्टूबर को अयोध्या में दीपोत्सव की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस ड्रिल के माध्यम से मुख्य आयोजन से पहले सभी व्यवस्थाओं,जैसे सुरक्षा, यातायात, स्वच्छता, विद्युत, मंच और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सघन जांच की जाएगी। मंत्री ने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बार की शोभायात्रा में मिशन शक्ति और स्वच्छ भारत अभियान की झलक विशेष रूप से प्रदर्शित की जाए, ताकि जनमानस को भव्यता के साथ सामाजिक संदेश भी प्राप्त हो। शोभायात्रा में देशभर से आने वाले कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में रामायण से जुड़े प्रसंगों का मंचन करेंगे।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष सरयू नदी के तट स्थित राम की पैड़ी और 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीपों की एक साथ प्रज्वलन किया जाएगा। इस अवसर पर एक बार फिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। दीप जलाने के लिए 33,000 से अधिक पंजीकृत स्वयंसेवक सक्रिय रूप से भाग लेंगे, जो “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ दीप प्रज्ज्वलित करेंगे। इसके अतिरिक्त, सरयू तट पर 2100 लोगों द्वारा सामूहिक महाआरती का आयोजन विशेष आकर्षण रहेगा। महाआरती में देश के प्रमुख संत-महात्मा, श्रद्धालु और गणमान्य अतिथि शामिल होंगे।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष का दीपोत्सव आधुनिक तकनीक से लैस होगा। आयोजन में स्वदेश निर्मित 1100 ड्रोन के माध्यम से कोरियोग्राफ्ड म्यूजिकल ड्रोन शो प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, 3-डी होलोग्राफिक म्यूजिकल लेजर शो, मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन मैपिंग, भव्य हाइड्रोलिक स्क्रीन, वॉटर टैबलो और म्यूजिकल ग्रीन फायर क्रैकर्स शो दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके अतिरिक्त 100 कलाकारों की सजीव सांगीतिक प्रस्तुति भी आयोजित होगी, जिसमें रामकथा और भक्ति गीतों की गूंज अयोध्या के आकाश में प्रतिध्वनित होगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि दीपोत्सव-2025 को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए केंद्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के संस्कृति विभागों और कई विदेशी राष्ट्रों के राजनयिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “दीपोत्सव अब वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव बन चुका है, जो पूरी दुनिया को राम के आदर्शों और भारत की अध्यात्मिक विरासत से जोड़ता है।”
जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रामकथा पार्क तक आमजन की पहुंच आसान बनाई जाए। उन्होंने कहा, “अयोध्या में आने वाले आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाएं।” कार्यक्रम स्थल पर साइनेज, पेयजल, स्वच्छता, सजावट और सूचना केंद्रों की समुचित व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, युवाओं और बच्चों के लिए विशेष ‘सेल्फी प्वाइंट’ बनाया जाएगा, जहां प्रभु श्रीराम और भक्त हनुमान के चित्रों के साथ स्मृति चित्र खींचने की सुविधा होगी।
संस्कृति विभाग द्वारा देश के सभी राज्यों से नृत्य मंडलियों को आमंत्रित किया जा रहा है। ये मंडलियां रामायण की कथाओं पर आधारित लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियां देंगी। राम नगरी में 10 विभिन्न स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इन मंचों पर भारत की विविध संस्कृतियों का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात ने कहा कि इस वर्ष आयोजन में महिला सशक्तिकरण की झलक विशेष रूप से दिखाई देगी। महिला आधारित झांकियों के माध्यम से मिशन शक्ति का संदेश प्रसारित किया जाएगा। साथ ही, विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देती झांकियां भी शोभायात्रा का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि राम पथ सहित अन्य मार्गों पर रोशनी, सफाई और सजावट के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। इसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। पेड़ों को भी सजाने और पर्यावरण के अनुकूल (इको फ्रेंडली) सजावट पर जोर देने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि दीपोत्सव को इको-फ्रेंडली आयोजन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें प्लास्टिक रहित सजावट, ग्रीन पटाखे और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग प्राथमिकता में रहेगा। उन्होंने कहा, “दीपोत्सव हमारी संस्कृति का उत्सव है, इसलिए इसे प्रकृति के साथ संतुलन में मनाया जाना चाहिए।”
अयोध्या में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय रामलीला भी इस बार विशेष आकर्षण रहेगी। इसमें विभिन्न देशों-जैसे नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका और मॉरीशस के कलाकार रामायण के प्रसंगों का मंचन करेंगे। जयवीर सिंह ने कहा कि “रामलीला के माध्यम से विश्व में रामकथा और भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने का यह सर्वोत्तम अवसर है।”
अयोध्या के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और स्वयंसेवी संगठनों के लगभग 33,000 स्वयंसेवक आयोजन में सहयोग करेंगे। दीप प्रज्ज्वलन, व्यवस्था प्रबंधन, अतिथियों के स्वागत, सुरक्षा और मार्गदर्शन में इन स्वयंसेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
दीपोत्सव-2025 अयोध्या के इतिहास का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। सरयू तट से लेकर रामकथा पार्क तक हर कोना लाखों दीयों की ज्योति से आलोकित होगा। जब एक साथ 26 लाख दीप जलेंगे, तो आस्था, संस्कृति और तकनीक का यह अनूठा संगम दुनिया को भारत की आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कराएगा।
Published on:
07 Oct 2025 08:01 am
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