
Big impact on crops along with humans cause of no rain Eastern UP Specialist warn
उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में बारिश ने होने से बड़ा असर हो रहा है। एक तरह जहां लोग गर्मी झेल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ फसलें सूख गई। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बड़ी चेतावनी दी। जुलाई के अंतिम दस दिन फसलों का मुकद्दर तय करेंगे। वैसे भी खरीफ की 80 फीसदी फसलों को नुकसान हो चुका है और आगे भी यही स्थिति रही तो शत-प्रतिशत नुकसान की संभावना सच साबित हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो हालात ठीक नहीं हैं। मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश को लगातार धोखा दे रहा है। विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में 71 फीसदी कम बारिश हुई है। आसमान पर घुमड़ते बादल पल-पल आस बंधा रहे हैं लेकिन कुछ ही पल बाद खिलती तेज धूप भविष्य के खतरों से आगाह कर देती है। यूपी में अभी से सूखे के संकेत मिल गए हैं।
एक बार पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों में नजर डाले तो जुलाई में 2002 में 25.6 और 2015 में 79.9 मिमी बारिश हुई थी। जुलाई 2022 में मात्र 2.0 मिमी बारिश अब तक हुई है। पिछले 22 वर्षों में जून से सितंबर तक सबसे कम बारिश 351.6 मिमी हुई थी। यह ट्रेंड 2022 में रिपीट होता दिख रहा है। इसके बाद वर्ष 2016 के इन महीनों में मात्र 583.4, 2017 में 617.9 मिमी हुई। वर्ष 2018 में 958.5, 2019 में 885.5, 2020 में 959.8 और 2021 में 822.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके विपरीत 2022 ने डरा दिया है। 2015 का ट्रेंड रिपीट होने या इससे भी खराब होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। वर्ष 2008 में सर्वाधिक 1159.4 मिमी वर्षा हुई थी। प्री मानसून (मार्च से मई) बारिश वर्ष 2022 में मात्र 02.0 मिमी हुई है। ऐसा नौ वर्षों के बाद हुआ है। वर्ष 2013 में मात्र 1.9 मिमी प्री मानसून वर्षा हुई थी।
दो दिन हो सकती है बारिश
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि मानसून की टर्फ रेखा बीकानेर, कोटा, मध्य प्रदेश के ऊपर बनी हुई है। इसी से बुधवार और गुरुवार को बारिश की उम्मीद है। अभी भी अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री रिकॉर्ड किया जा रहा है।
अगर नहीं हुई तनी बारिश तो...
मौसम विभाग के अनुसार अगले दस दिन बारिश के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दस दिवसों में चार दिवसों में हल्की बारिश की संभावना दिख रही है। यदि मध्य भारत की टर्फ लाइन ऊपर आती है और टिकी रहती है तो स्थिति में सुधार हो सकता है। सूखे की स्थिति से उबरना संभव हो सकेगा। यदि इन दस दिवसों में 150-250 मिमी तक बारिश नहीं हुई तो फसलों के लिए संकट पैदा हो सकता है। इसके अलावा आम लोगों को भी समस्याएं हो सकती है।
Updated on:
20 Jul 2022 10:46 am
Published on:
20 Jul 2022 10:45 am
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