
करीब 5 महीने पहले सामने आई तत्कालीन सांसद उपेंद्र रावत की अश्लील वीडियो की जांच पूरी हो गई है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि वीडियो में एआई तकनीक का उपयोग संभव है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसकी पुष्टि केवल मूल वीडियो मिलने के बाद ही हो सकती है। जो फिलहाल नहीं मिल सकी है।
जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन सांसद उपेंद्र रावत के टिकट की घोषणा के अगले ही दिन उनकी एक अश्लील वीडियो सामने आने की बात कही गई थी। इस मामले में तत्कालीन सांसद रावत ने कहा था कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करके बनाई गई है। उन्होंने इस मामले में तीन मार्च को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान उपेंद्र रावत ने दावा किया था कि जब तक वीडियो की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
सूत्रों की मानें तो वायरल वीडियो को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर लखनऊ भेजा गया था। अब विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसमें कहा गया है कि वीडियो के विश्लेषण से प्रथम दृष्टया यह संभव है कि वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करके बनाया गया हो। जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि वीडियो की वास्तविकता का पता केवल मूल क्लिप और वीडियो मिलने पर ही चल सकता है।
पुलिस ने बताया कि वायरल वीडियो की मूल क्लिप और रिकॉर्डिंग प्राप्त करने के सभी प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी तक मूल वीडियो का पता नहीं चल सका है।
Updated on:
29 Oct 2024 06:11 pm
Published on:
22 Jul 2024 11:59 am
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