
सातवें दिन माता को मीठे का भोग
नन्दना बीकेटी स्थित इक्यावन शक्तिपीठ में चल रहे चैत्र नवरात्र महोत्सव में रोज होती है देवी पूजा और सबको मिलता हैं भोग। पंडित शक्ति मिश्रा ने बताया कि सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है।
सातवें दिन माता को मीठे का भोग
उन्होंने कहा कि मां कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि देवी को गुड़ या गुड़ से बनी चीज़ों का भोग लगाने से व्यक्ति हर तरह के रोगों से बचा रहता है।
शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं।
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पंडित शक्ति मिश्रा ने कहाकि मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।
मां कालरात्रि का जाग्रत मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
1. एकाक्षरी काली मंत्र - ॐ क्रीं
2.तीन अक्षरी काली मंत्र - ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं
3.पांच अक्षरी काली मंत्र - ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्
4.सप्ताक्षरी काली मंत्र - ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा
5.श्री दक्षिणकाली मंत्र - ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं
6.श्री दक्षिण काली मंत्र - क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा
Updated on:
28 Mar 2023 08:55 am
Published on:
28 Mar 2023 08:31 am
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