नए साल की पार्टी की तैयारियों में डूबे उत्तर प्रदेश वासियों को अगले साल की पहली तारीख से अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। एक जनवरी से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कई बदलाव होने वाले हैं। नए साल की पहली तारीख से रेस्टोरेंट सर्विसेज से दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स भुगतान करने का दायित्व शामिल है।
लखनऊ. नए साल की पार्टी की तैयारियों में डूबे उत्तर प्रदेश वासियों को अगले साल की पहली तारीख से अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। एक जनवरी से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कई बदलाव होने वाले हैं। नए साल की पहली तारीख से रेस्टोरेंट सर्विसेज से दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स भुगतान करने का दायित्व शामिल है। फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड स्ट्रक्चर में करेक्शन एक जनवरी से लागू होगा। फुटवियर पर जीएसटी की बढ़ी हुई दरें लागू होंगी। फुटवियर पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। इसके अलावा स्विगी और जोमैटो जैसे ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को एक जनवरी से उनके द्वारा दी जाने वाले रेस्तरां सेवाओं पर जीएसटी लगेगा।
पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस पर छूट
ऑटो-रिक्शा चालकों द्वारा ऑफलाइन या मैनुअल मोड से दी जाने वाली पैसेंजर सर्विसेज पर छूट रहेगी। वहीं ई कॉमर्स प्लैटफॉर्म के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सर्विसेज पर पांच फीसदी का टैक्स लगेगा। फूड्स पर जीएसटी का दायरा इसलिए बढ़ाया जा रहा है क्योंकि बीते दो साल में खाने की डिलीवर करने वाले ऐप्स को दो हजार करोड़ रुपये का लॉस हुआ है। इन प्लेटफॉर्म को जीएसटी जमा के लिए उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर अंकुश लगेगा। एटीएम से कैश निकालना भी महंगा हो जाएगा। एक जनवरी से ग्राहकों को फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन की सीमा खत्म होने के बाद किए गए ट्रांजेक्शन पर अभी की तुलना में अधिक शुल्क देना होगा।