
children of laborers will study Free on convent pattern at residential schools in UP
उत्तर प्रदेश में अब मजदूर और कामगारों के बच्चे भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर इंजीनियर, ड़क्र और अधिकारी बन सकेंगे। दरअसल, कॉन्वेंट पैटर्न पर प्रदेश के कामगारों के 18 हजार बच्चे पढ़ाई करेंगे। कामगारों के बच्चों के लिए प्रदेश में 18 मंडलों में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय का निर्माण अंतिम चरण में है। श्रम विभाग ने इन्हें अगले सत्र से शुरू करने का फैसला किया है इसलिए सीबीएसई बोर्ड से उनकी सम्बद्धता होगी, इसके लिए श्रम विभाग को अनुमति मिल गई है। इन विद्यालयों का संचालन नवोदय विद्यालय की तर्ज पर होगा। विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक बच्चे पढ़ेंगे। विद्यालय में पढ़ाई संग बच्चे वहीं हॉस्टल में भी रहेंगे, जहां खानपान का भी इंतजाम होगा यानी बोर्डिंग तरह से विद्यालयों को चलाया जाएगा। टीचर भी उसी विद्यालय में रहेंगे।
एक स्कूल में 500 छात्र-छात्राओं की होगी व्यवस्था
शासन ने सभी विद्यालयों के निर्माण के लिए 12 एकड़ की जमीन आवंटित की है। कानपुर में बिल्हौर में इसका निर्माण किया जा रहा है। इन स्कूलों में 500 लड़के और 500 लड़कियों की पढ़ाई और रहने की व्यवस्था होगी। सारी फंडिंग की व्यवस्था सेस की धनराशि से करने का फैसला किया गया है। सेस की फंडिंग की देखरेख सन्निर्माण कल्याण कर्मकार बोर्ड कर रहा है। श्रमायुक्त शकुंतला गौतम ने विद्यालयों के लिए कमेटी बनाई है।
अगले सत्र से बच्चों की शुरू हो जाएगी पढ़ाई
राज्य समन्वयक श्रम विभाग सैय्यद रिजवान अली के अनुसार अटल आवासीय विद्यालयों को अगले सत्र से शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कई मंडलों में विद्यालयों का निर्माण अंतिम चरण में है। सीबीएसई से सम्बद्धता होगी। श्रमायुक्त की मंशा के तहत इन विद्यालयों से भावी होनहारों की पीढ़ी सूबे को मिलेगी।
Updated on:
18 Aug 2022 10:39 am
Published on:
18 Aug 2022 10:37 am
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