
लखनऊ. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 अप्रैल से शुरू स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सभी सांसदों, महापौरों और जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है। 30 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया है।
क्या लिखा मुख्यमंत्री ने पत्र में
इस उद्देश्य को स्पष्ट रूप देने के लिए मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस बात की पुष्टी की है कि प्रदेश में अभी भी कई ऐसे बच्चे हैं, जिनका विद्यालय में नामांकन नहीं हुआ है। उन्हें नि:शुल्क शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार के संज्ञान में है कि अभी भी कई बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, जो कि प्रदेश के विकास के लिए बड़ी बाधा है। शिक्षा से वंचित ऐसे बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। पत्र में उन्होंने ये भी कहा कि शैक्षिक सत्र 2018-19 में 6 से 14 साल के बच्चों का नामांकन विद्यालय में करना हमारा लक्ष्य है।
घर-घर जाकर अभिभावकों को बताना है शिक्षा का महत्व
इस अभियान के तहत योगी सरकार का ये उद्देश्य है कि घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाए। उन्हें शिक्षा का महत्व समाझाया जाए, शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराने और उन्हें नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए जागरूक करना स्कूल चलो अभियान का उद्देश्य है।
बच्चों को मिले नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते मोजे और दोपहर का भोजन
सीएम योगी ने ये भी लिखा कि भारत के संविधान में 6 से 14 साल के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा और अनिवार्य शिक्षा देना मौलिक अधिकार की व्यवस्था में शामिल है। इस हिसाब से ये हमारा कर्तव्य बनता है कि हर बच्चे को शिक्षा के महत्व से रूबरु कराया जाए। उन्हें विद्यालय में प्रवेश दिलाकर शिक्षा सुलभ कराई जाए। शिक्षा से बच्चों का बौद्धिक विकास होता है और साथ ही उनका श्रेष्ठ नागरिक बनने का मार्ग प्रशस्त होता है। प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था वर्तमान में प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते मोजे और नियमित गुणवत्तायुक्त दोपहर का भोजन मिलना चाहिए।इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
Updated on:
29 Mar 2018 01:07 pm
Published on:
29 Mar 2018 12:50 pm
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