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अब पुणे नहीं भेजा जाएगा कोरोना सैंपल, केजीएमयू में ही नए जीन पर होगी रिसर्च

अभी तक केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल-थ्री लैब में कोरोने के पहले स्ट्रेन की ही जांच हो पाती थी, लेकिन अब सुविधा को अपग्रेड करते हुए नए जीन पर रिसर्च भी हो सकेगी।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jan 15, 2021

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. कोरोना के नए स्ट्रेन (corona new strain) को लेकर भी यूपी सरकार (UP Government) सतर्क है। ब्रिटेन से यूपी आए यात्रियों में कोरोना के नए स्ट्रेन की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जिसके बाद लखनऊ के केजीएमयू (KGMU) ने बड़ा कदम उठाया है। अभी तक कोरोना के नए स्ट्रेन की जांच के लिए सैंपल पुणे भेजे जा रह थे, लेकिन वह झंझट भी अब खत्म हो गया है। राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में ही इसकी जांच हो सकेगी। केजीएमयू ने जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू कर दिया है। अभी तक केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल-थ्री लैब में कोरोने के पहले स्ट्रेन की ही जांच हो पाती थी, लेकिन अब सुविधा को अपग्रेड करते हुए नए जीन पर रिसर्च भी हो सकेगी।

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कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने संस्थान में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि संस्थान में जीन सिक्वेंसर पहले से उपलब्ध था। इसकी मशीन में केवल आवश्यक रिएजेंट (अभिकर्मक) किट नहीं थी, जो अब मंगवा ली गई है। फिलहाल आ रहे नए कोरोना के मामलों में सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। देखा जा रहा है कि उनमें कोरोना का नया स्ट्रेन है या पुराना। जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट से यह भी जानकारी मिल सकेगी कि कहीं वायरस म्यूटेशन तो नहीं। अभी तक जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा पुणे समेत देश की केवल चार लैबों में ही थी। डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक लैब भेजे गए कुछ सैंपल की जीन सिक्वेंसिंग की गई, लेकिन इनमें नया स्ट्रेन नहीं मिला है।

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