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कोरोनाः अंतिम संस्कार के लिए शवों की लगी कतार, लेना पड़ रहा टोकन, सरकारी आंकड़ों से ज्यादा आ रहे मृतक

बीते तीन-चार दिनों से बड़ी संख्या में लखनऊ (coronavirus in lucknow) के बैकुंठ धाम (Baikunth Dham), भैसाकुंठ के शवदाह गृह में कोविड संक्रमित (Corona positive) मृतकों के शव आ रहे हैं।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Apr 08, 2021

baikunth dham in lucknow

baikunth dham in lucknow

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. अभी तक दूसरे देश व राज्यों में ही कोविड संक्रमित मृतकों (Death by corona) के अंतिम संस्कार के लिए कतार लगती तस्वीरें सामने आ रही थीं, लेकिन अब राजधानी लखनऊ (Lucknow corona cases) में भी ऐसा खौफनाक मंजर देखा जा सकता है। बीते तीन-चार दिनों से बड़ी संख्या में लखनऊ के बैकुंठ धाम (Baikunth Dham), भैसाकुंठ के शवदाह गृह में कोविड संक्रमित (Corona positive) मृतकों के शव आ रहे हैं। अंतिम संस्कार के लिए लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। टोकन लेना पड़ा रहा है। ऊपर से की गई सिफारिश भी यहां काम नहीं आ रहीं। स्थिति भयावह है। आंकड़ो को देखें, तो जितनी संख्या सीएमओ दफ्तर द्वारा जारी की जा रही है, उससे कई ज्यादा कोविड संक्रमित शव दाह संस्कार के लिए लाए जा रहे हैं। हालांकि इसके पीछे कारण यह भी है कि कई दूसरे जिलों व राज्यों से कोविड संक्रमित अपना इलाज कराने लखनऊ आ रहे हैं, जिनमें से कई की मौत हो रही है। और परिवारजन उनका अंतिम संस्कार यही करवा रहे हैं।

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इसलिए बढ़ रही शवों की संख्या-

सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत शवदाह गृह पर जो शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं, उनमें कई बाहर के मरीज हैं। मतलब लखनऊ के अतिरिक्त बाहरी जिलों व अन्य राज्यों के भी मरीज यहां आते हैं। यदि किसी की मृत्यु हो रही है तो परिवारजन कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए यहीं अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इस कारण शवदाह गृह में कोविड संक्रमित शवों की संख्या ज्यादा है। इसी कारण सरकारी आंकड़ों को देखें, तो 4 अप्रैल को आठ की कोरोना से मौत हुई, लेकिन बैकुंठ धाम के इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में 14 कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह पांच अप्रैल को लखनऊ में पांच की मौत हुई, लेकिन अंतिम संस्कार 18 का हुआ। 6 अप्रैल को सात मरीजों की मौत, लेकिन 22 कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार हुआ।

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अव्यवस्था से लोग परेशान-

मंगलवार को प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड डॉ. मिलिंद मुखर्जी की कोविड से मौत हो गई। बुधवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन सुबह से देर रात तक बैंकुंठ धाम भैंसाकुंड के विद्युत शवदाह गृह के बाहर एंबुलेंस में शव के साथ अपनी बारी का इंतजार करते रहे। अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे डीके सिंह ने अव्यवस्था पर गुस्सा जताया। कहा कि यहां दाह संस्कार करने वाले स्टाफ के पास पीपीई किट तक नहीं है। बैकुंठ धाम में विद्युत शव के लिए एक ही मशीन चल रही है, दूसरी बंद है। पंखे भी बंद हैं। रात के वक्त एक ही लाइट जल रही है। वहीं, दूसरे शव लेकर आए लोगों से पता चला कि 16 अंतिम संस्कार के बाद भी करीब 10 और शव अंतिम संस्कार के लिए इंतजार में थे। विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों ने बताया कि इनका अंतिम संस्कार सुबह पांच बजे तक हो पाएगा।