
धार्मिक पुस्तकें, डायरी व दस्तावेज बरामद- कश्मीरी छात्रों और स्टाफ का पूरा डाटा तलब (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
Delhi Blast Probe Intensifies: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में उत्तर प्रदेश एटीएस लगातार कार्रवाई का दायरा बढ़ा रही है। डॉ. शाहीन सिद्दीकी और उसके भाई डॉ. परवेज की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को एटीएस व लखनऊ पुलिस की अलग-अलग टीमें कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पहुंचीं। यहां उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक छानबीन की। इस दौरान जांच टीमों ने डॉ. परवेज के केबिन को खंगाला, जिसमें से कई अहम दस्तावेज, डायरी और धार्मिक पुस्तकें मिली हैं।
सूत्रों के अनुसार एटीएस ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से संपर्क कर परवेज के कार्यकाल, व्यवहार और उनकी गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों का ब्योरा लिया। साथ ही यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों, कर्मचारी वर्ग और डॉक्टर्स का पूरा डाटा तलब किया है। एटीएस यह जांच रही है कि विश्वविद्यालय में जम्मू-कश्मीर से कितने लोग जुड़े हुए हैं और बीते वर्षों में उनकी गतिविधि व असोसिएशन कैसे रहे हैं। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद हासिर सिद्दीकी ने बताया कि “एटीएस टीम ने कश्मीरी छात्रों और स्टाफ की जानकारी मांगी थी, जिसे पूरी तरह उपलब्ध करा दिया गया है। हम जांच एजेंसियों को हर स्तर पर सहयोग दे रहे हैं।”
छानबीन के दौरान एटीएस को डॉ. परवेज के केबिन से कई दस्तावेज, डायरी, धार्मिक पुस्तकें और कई ऐसे सामान मिले, जिन्हें एजेंसी विश्लेषण के लिए अपने साथ ले गई है। यूनिवर्सिटी स्टाफ के मुताबिक, पिछले तीन सालों में परवेज के व्यवहार और दिनचर्या में काफी बदलाव देखने को मिला था। प्रमोशन के बाद उनका स्वभाव और ज्यादा सीमित व अलग-थलग सा हो गया था। वह बहुत कम लोगों से बातचीत करते थे।
जांच एजेंसियां अब इस बात की गहराई से पड़ताल कर रही हैं कि आखिर डॉ. परवेज ने 7 नवंबर को अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के ईमेल के जरिए इस्तीफा क्यों दिया?उसने न प्रबंधन से बात की, न ही किसी को संकेत दिया। एटीएस को शक है कि परवेज को अपने “सफेदपोश मॉड्यूल” के पकड़े जाने की भनक लग गई थी। यही वजह थी कि उसने तुरंत इस्तीफा देकर खुद को छिपा लिया। शाहीन की गिरफ्तारी के बाद से ही परवेज भूमिगत था और उसका फोन भी बंद मिला था।
लालबाग के खंदारी बाजार स्थित शाहीन सिद्दीकी के पिता सईद अंसारी के घर पर गुरुवार को भारी सन्नाटा पसरा रहा। सुरक्षा कारणों से कैसरबाग पुलिस की टीम वहां तैनात रही। महिला पुलिस भी ड्यूटी पर रही ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। शाहीन के परिवार का कोई भी सदस्य बाहर नहीं निकला। पुलिस जरूरी सामान की आपूर्ति खुद करवा रही है। अनजान लोगों को परिजनों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही।
आईआईएम रोड के मुत्तकीपुर, तकवा कॉलोनी स्थित डॉ. परवेज के आवास पर भी दिनभर लोगों की निगाहें रहीं। स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि खुफिया एजेंसियां वहां दोबारा छापेमारी कर सकती हैं, हालांकि गुरुवार को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्रोतों के मुताबिक परवेज ने प्रारंभिक पूछताछ में अपने कुछ करीबी सहयोगियों के नाम बताए हैं। अब एटीएस उनकी भूमिका और गतिविधियों की जांच कर रही है। वह यूनिवर्सिटी में किन-किन लोगों के संपर्क में था, किससे ज्यादा नजदीकी थी, किनके साथ उठता-बैठता था – ये सभी पहलू अब जांच के दायरे में हैं।
एटीएस की टीमों ने यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। स्टाफ ने बताया कि परवेज पहले काफी मिलनसार था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी जीवनशैली और व्यवहार में बड़ा बदलाव आने लगा था। प्रो. हासिर सिद्दीकी ने कहा कि “हम हर तरह से जांच एजेंसी की मदद कर रहे हैं। जिन दस्तावेजों की जरूरत थी, सब उपलब्ध करा दिए हैं।
एटीएस ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के छात्रों की संख्या, कोर्स, हॉस्टल, मित्र मंडली, गतिविधियां, और यूनिवर्सिटी में उनके संपर्कों का डाटा मांगा है। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं कोई नेटवर्क या संदिग्ध कड़ी यूनिवर्सिटी परिसर में सक्रिय तो नहीं थी।
Published on:
14 Nov 2025 09:39 am
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