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कोरोना से मरने वाले शिक्षक आश्रितों को सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्ति देगी सरकार

पंचायत चुनाव ( Panchayat election ) की ड्यूटी के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए थे। इनमें बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हुई थी। अब सरकार ने इन मरने वाले शिक्षक आश्रितों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्ति देने का निर्णय किया है।

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लखनऊ

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shivmani tyagi

May 24, 2021

शिक्षक

शिक्षक

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ . पंचायत चुनाव ( Panchayat election ) में ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मरने वाले शिक्षकों के परिजनों ( मृतक आश्रितों ) को सरकार कनिष्ठ लिपिक और अध्यापक ( teachers and clerk ) के पद पर नियुक्ति देगी। अभी तक मृतक आश्रितों ( dependents ) को अनुकंपा के आधार पर केवल चतुर्थ श्रेणी पद पर ही नियुक्ति मिलती थी लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद अब उन्हे याेग्यता के आधार पर नियुक्ति मिल सकेगी।

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बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ( Minister of Basic Education ) स्वतंत्र प्रभार सतीश द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण से जिन शिक्षकों की मौत हुई है उन शिक्षकों के आश्रितों को अब योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक शिक्षा विभाग में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। शिक्षक की मौत हो जाने के बाद उनके आश्रितों को योग्य के होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में ही नियुक्ति मिलती थी। योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए योग्यता के आधार पर मृतक आश्रितों को अब तृतीय श्रेणी पदों पर नियुक्ति देने का निर्णय किया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से उन परिवारों को लाभ होगा जिन्होंने कोरोना वायरस की वजह से अपनों को खो दिया है। बता दें कि शिक्षक संगठन भी पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने का विरोध कर रहे थे। अब सरकार ने इन संगठनों को भी शांत करने की कोशिश की है। दरअसल शिक्षक कर्मचारी संघ की ओर से यह दावा किया गया था कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने से प्रदेश में 1600 से अधिक शिक्षकों की मौत हुई है लेकिन सरकार ने इस दावे को नकार दिया था। अब सरकार ने शिक्षकों को राहत देने वाला निर्णय किया है जिसके तहत मरने वाले शिक्षकों के आश्रितों को अब कनिष्ठ लिपिक और अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिल सकेगी

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