
सावन की शिवरात्रि पर भूल से न पहनें काले कपड़े, शिव जी हो जाते हैं नाराज
लखनऊ. आज सावन महीने की शिवरात्रि मनाई जा रही है। यह दिन शिव जी की सबसे अच्छा दिन माना जाता है। साल भर में 12 या 13 शिवरात्रियां होती हैं। हर महीने एक शिवरात्रि पड़ती है, जो कि पूर्णिमा से एक दिन पहले त्रयोदशी को होती है लेकिन इन सभी शिवरात्रियों में दो सबसे महत्वपूर्ण हैं- पहली है फाल्गुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि और दूसरी है सावन शिवरात्रि। मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि में रात के समय भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
लखनऊ के इंदिरानगर में रहने वाले आचार्य अशोक त्रिपाठी ने बताया कि अगर सावन शिवरात्रि सोमवार को पड़े तो बहुत शुभ और मंगलकारी होता है।शिवरात्रि का शुभ समय मध्य रात्रि माना गया है इसलिए भक्तों को शिव की पूजा मध्य रात्रि में करनी चाहिए। इस शुभ मुहर्त को ही निशिता काल कहा जाता है।
शिवरात्रि पर भूल से भी न करें ये काम
1. शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए कभी भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
2. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि जिस जगह से चढ़ा जल बाहर आ रहा होता है उस जल को लांघना नहीं चाहिए।
3. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए।
4. शिवलिंग की पूजा करते समय भूलकर भी सिंदूर, तिल और हल्दी नहीं चढ़ना चाहिए।
कैसे करें शिव जी की पूजा
- सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को पंचामृत जल अर्पित करें। दूध, दही, चीनी, चावल और गंगा जल के मिश्रण से पंचामृत बनता है।
- पंचामृत जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर एक-एक करके कच्चे चावल, सफेद तिल, साबुत मूंग, जौ, सत्तू, तीन दलों वाला बेलपत्र, फल-फूल, चंदन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, कलावा, रुद्राक्ष और भस्म चढ़ाएं।
- इसके बाद शिवलिंग को धूप-बत्ती दिखाएं।
- सावन की शिवरात्रि के दिन भक्तों को व्रत रखना चाहिए। इस दिन केवल फलाहार किया जाता है। साथ ही खट्टी चीजों को नहीं खाना चाहिए।
Updated on:
09 Aug 2018 02:16 pm
Published on:
09 Aug 2018 08:37 am
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