scriptDolo 650: कोरोना महामारी के दौरान इस दवा की बिक गयीं 350 करोड़ गोलियाँ, डॉक्टरों की पर्ची पर सबसे ज्यादा दिखा इसका नाम | Dolo 650 paracetamol 350 crore tablets sale in corona time micro lab | Patrika News
लखनऊ

Dolo 650: कोरोना महामारी के दौरान इस दवा की बिक गयीं 350 करोड़ गोलियाँ, डॉक्टरों की पर्ची पर सबसे ज्यादा दिखा इसका नाम

कोरोना काल के दौरान डोलो 650 की 350 करोड़ गोलियाँ बिक गयीं थीं। इन गोलियों को बेचकर Dolo-650 की निर्माता कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड ने करीब 600 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। Dolo 650 की बिक्री दूसरी तिमाही के दौरान पीक पर रही। डॉक्टरों की पर्ची पर सबसे ज्यादा लिखी जाने वाली दवा बन गयी थी डोलो 650।

लखनऊJan 22, 2022 / 09:34 pm

Vivek Srivastava

Dolo 650: कोरोना महामारी के दौरान इस दवा की बिक गयीं 350 करोड़ गोलियाँ

Dolo 650: कोरोना महामारी के दौरान इस दवा की बिक गयीं 350 करोड़ गोलियाँ

Dolo 650 Paracetamol Tablet: कोरोना महामारी ने सैकड़ों लोगों की जान ली। उत्तर प्रदेश में इस महामारी की दूसरी लहर ने अपना रौद्र रूप दिखाया था। लेकिन जहां एक तरफ इस महामारी ने सैकड़ों लोगों को नुकसान पहुँचाया, लोगों के कारोबार चौपट हो गये। बिजनेस ठप पड़ गया, रोजी-रोटी के लाले पड़ गये। वहीं दूसरी तरफ इस महामारी ने कई स्वास्थ्य सेवा और फार्मा खिलाड़ियों को अरबपति बना दिया है। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि कोरोना काल के दौरान डोलो 650 की 350 करोड़ गोलियाँ बिक गयीं थीं। इन गोलियों को बेचकर Dolo-650 की निर्माता कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड ने करीब 600 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। Dolo 650 की बिक्री दूसरी तिमाही के दौरान पीक पर रही। अप्रैल 2021 में Dolo 650 के 49 करोड़ रुपये मूल्य के टैबलेट बिके। हेल्थकेयर रिसर्च फर्म IQVIA के अनुसार यह इस मेडिसिन की अब तक की सबसे ज्यादा सेल है।
भारत का नेशनल टैबलेट

यही वजह है कि लोगों ने इसे भारत का नेशनल टैबलेट और फेवरिट स्नैक कहना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि 2019 में सभी ब्रांड्स के पैरासिटामोल की बिक्री करीब 530 करोड़ रुपये की हुई थी. 2021 में यह आंकड़ा 924 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
यह भी पढ़ें

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, IRCTC फिर से शुरू करने जा रही है ये सुविधा

आखिर क्यों बिकी इतनी ज्यादा

फॉर्मा कंपनियां क्रोसिन, डोलो या कालपोल नाम से अपने कॉपीराइट के साथ पैरासिटामोल की बिक्री करती हैं। लेकिन Dolo 650 की ज्यादा बिक्री की वजह के बारे में पूछे जाने पर विशेषज्ञों का कहना है कि स्ट्रेटफॉरवर्ड नाम ही डोलो की सफलता की एक वजह है। दरअसल, माइक्रो लैब्स निमिटेड, 650 मिलिग्राम पैरासिटामोल के साथ Dolo 650 का प्रोडक्शन करती है। जबकि अन्य कंपनियां 500 मिलिग्राम के पैरासिटामोल के साथ अपने प्रोडक्ट लाती हैं। दूसरी वजह यह है कि Dolo 650 mg के Paracetamol के साथ आता है और इस वजह से यह बुखार के खिलाफ ज्यादा इफेक्टिव साबित होता है। Dolo 650 में पैरासिटामोल (Paracetamol) एक्टिव इंग्रेडिएंट्स होता है।
यह भी पढ़ें

अब 587 रुपये में मिलेगा रसोई गैस, सरकार फिर से शुरू करने वाली है सब्सिडी

Micro Labs Ltd का इतिहास

वर्ष 1973 में G.C. Surana द्वारा माइक्रो लैब्स लिमिटेड की स्थापना की गयी थी। 9,200 कर्मचारियों वाली माइक्रो लैब्स का सालाना कारोबार 2,700 करोड़ रुपये है, जिसमें 920 करोड़ रुपये का सालाना निर्यात भी शामिल है।

Hindi News/ Lucknow / Dolo 650: कोरोना महामारी के दौरान इस दवा की बिक गयीं 350 करोड़ गोलियाँ, डॉक्टरों की पर्ची पर सबसे ज्यादा दिखा इसका नाम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो