30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Lucknow Metro No Safe: लखनऊ मेट्रो बना नशेड़ी का अखाड़ा, सहमी छात्राएं और महिलाएं

Lucknow Metro Incident: लखनऊ मेट्रो में नशे में धुत एक युवक ने यात्रियों को खासा परेशान किया। महिलाओं व छात्राओं को डर के कारण कोच बदलना पड़ा। हंगामा बढ़ने पर मेट्रो कर्मचारियों ने बादशाहनगर स्टेशन पर युवक को उतारा। इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Jul 19, 2025

महिलाओं ने बदला कोच, छात्रों में दहशत फोटो सोर्स : Social Media

महिलाओं ने बदला कोच, छात्रों में दहशत फोटो सोर्स : Social Media

Lucknow Metro Drunken Chaos: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को दोपहर के समय लखनऊ मेट्रो के एक कोच में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक नशे में धुत युवक ने यात्रियों को परेशान करना शुरू कर दिया। यह घटना करीब दोपहर 2 बजे की है, जब हजरतगंज मेट्रो स्टेशन से एक युवक मेट्रो में सवार हुआ और केडी सिंह बाबू स्टेडियम की ओर बढ़ते ही उसका व्यवहार असामान्य हो गया।
युवक की हरकतों से कोच में बैठे यात्रियों, विशेषकर महिलाओं और छात्राओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवक शुरू में चुपचाप एक कोने में बैठा हुआ था, लेकिन कुछ ही समय में उसने अचानक चिल्लाना, गालियां देना और अशोभनीय हरकतें करना शुरू कर दिया। इसके चलते कोच में बैठे कई यात्री, विशेषकर महिलाएं, घबरा गईं और सुरक्षा के लिहाज से दूसरे कोच की ओर चली गईं।

महिलाओं ने बदला कोच, छात्रों में दहशत

युवक की अशोभनीय हरकतों से भयभीत होकर कुछ छात्राओं ने तत्काल कोच बदल लिया। कुछ यात्रियों ने मेट्रो ट्रेन में लगे इंटरकॉम से मेट्रो कर्मचारियों को इस स्थिति की जानकारी देने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी बाधाओं के चलते तुरंत प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

स्टेशन गार्ड को दी गई सूचना

जब मेट्रो विश्वविद्यालय उपकेंद्र स्टेशन पर पहुंची, तो एक सजग यात्री ने स्टेशन पर तैनात गार्ड को पूरी स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद मेट्रो प्रशासन सक्रिय हुआ और स्टेशन गार्ड ने तत्परता दिखाते हुए अगले स्टेशन बादशाह नगर पर मेट्रो ट्रेन को कुछ समय के लिए रोका गया। मेट्रो के कर्मचारियों ने युवक को कोच से बाहर निकाला। हालांकि इस दौरान युवक ने थोड़ी बहुत झड़प का प्रयास भी किया, लेकिन कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने संयम से स्थिति को संभाल लिया।

मानसिक अस्वस्थता की आशंका

लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (LMRC) के एक अधिकारी ने बताया कि युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रतीत हो रहा था और संभवतः नशे की हालत में था। हालांकि उसके पास से कोई हथियार या आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, लेकिन उसकी हरकतें यात्रियों के लिए डराने वाली थीं। यह भी कहा गया कि युवक को स्टेशन पर मेट्रो से उतारने के बाद उसे कुछ समय के लिए रोका गया, लेकिन चूंकि किसी यात्री ने औपचारिक रूप से लिखित शिकायत नहीं की, इसलिए उसे स्थानीय स्तर पर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

यात्रियों में सुरक्षा को लेकर चिंता

घटना के बाद मेट्रो यात्रियों में सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की गईं। महिलाओं ने सवाल उठाया कि अगर कोई असामाजिक तत्व इस तरह से ट्रेन में चढ़कर हंगामा करता है, तो तत्काल सुरक्षा का क्या उपाय है? कई यात्रियों का कहना था कि ट्रेन के अंदर सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी अलार्म सिस्टम तो हैं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया प्रणाली में और सुधार की जरूरत है। विशेष रूप से महिलाओं ने मेट्रो प्रशासन से अनुरोध किया कि महिला कोचों में गार्ड की नियमित तैनाती की जाए, जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।

एलएमआरसी ने दी सफाई

लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि कंपनी यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई और युवक को मेट्रो से सुरक्षित उतार दिया गया। हालांकि चूंकि कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली, इसलिए पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए मेट्रो अधिकारियों ने अपनी निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली को और बेहतर करने की बात कही है।

शहर में यह पहली घटना नहीं

गौरतलब है कि लखनऊ मेट्रो में इस प्रकार की घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पूर्व भी कुछ यात्रियों द्वारा अशोभनीय हरकतें करने, या नशे की हालत में हंगामा करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि मेट्रो प्रशासन द्वारा हर बार तत्परता दिखाई गई है, लेकिन यात्रियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को जड़ से समाप्त करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अधिक मजबूत किया जाना चाहिए।

बोले लोग .... 

सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार की हरकतें मानसिक अस्वस्थता, नशे की लत और कानून के डर के अभाव का नतीजा होती हैं। उनका सुझाव है कि मेट्रो स्टेशनों और ट्रेनों में समय-समय पर नशे की जांच (Breath Analyzers) और सुरक्षा जांच की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें।