
Amitabh Thakur
अगले लोकसभा चुनावों में दम आजमाने का ऐलान कर चुके खुद को जबरिया रिटार्यड आईपीएस कहने वाले अमिताभ ठाकुर ने पत्रिका उत्तर प्रदेश की संवाददाता करिश्मा लालवानी से खास बातचीत की। अमिताभ ठाकुर ने हाल ही में संपन्न लोकसभा उपचुनावों के नतीजों पर बेबाक राय रखी। रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपुनाव में भाजपा से कड़ी शिकस्त पाने वाली समाजवादी पार्टी को यूपी कैडर के आईपीएस रहे अमिताभ ठाकुर ने सबक लेने की नसीहत दी है। ठाकुर ने इन परिणामों को आगामी लोकसभा चुनाव का आईना मानते हुए समाजवादी पार्टी को हार से सीख लेने की नसीहत दी है। अमिताभ ठाकुर जिन्होंने उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, ने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार अखिलेश यादव ने दोनों ही जगहों पर जाना मुनासिब नहीं समझा। अब राजनीति में कॉम्पटीशन बढ़ गया है, रिमोट कंट्रोल से काम नहीं हो सकता। बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के जरिये अमिताभ ठाकुर राजनीति में एंट्री लेंगे। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में सरकार के खिलाफ बगावत की शुरुआत करने वाले अमिताभ ठाकुर ने भाजपा सरकार में भी अधिकारियों के घोटाले और सरकार की बेलगाम होती लॉ एंड ऑर्डर पर जब सवाल उठाने शुरू किए तो भाजपा ने उन्हें जेल भेज दिया। अब वह भाजपा सरकार के खिलाफ खुल कर सामने आ गए हैं।
पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, इसके लिए क्या कहेंगे?
अमिताभ ठाकुर वीरों की धरती कही जाने वाली बलिया सीट से आगामी लोकसभा चुनाव और अपने राजनीतिक करियर का आगाज करेंगे। ठाकुर कहते हैं 'मैंने बलिया को इसलिए चुना है क्योंकि बागी बलिया के नाम से विख्यात यह वीरों की भूमि है और शुरू से ही परिवर्तन की भूमि मानी गई है।' बलिया को उसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की वजह से चुना है। यह वह स्थान है जिसने लोक प्रकाश जय नारायण जी को जन्म दिया जिन्होंने 1977 में पूरे देश में परिवर्तन की एक नई लहर पैदा की थी। चंद्रशेखर जो हमेशा समाजवादी विचारों के रहे उनका भी यह जन्मस्थान और कर्मस्थल है। इस स्थान की सेवा कर पाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
लोकसभा चुनाव को कितनी चुनौती मानते हैं?
जबरिया रिटायर अमिताभ ठाकुर लोकसभा चुनाव को कितनी चुनौती मानते हैं, इस सवाल पर वह कहते हैं कि चुनाव को अंक गणित की प्रतिक्रिया से नहीं बल्कि संदेश के रूप में देखता हूं। चुनाव लड़ने के लिए एसी वाले कमरे से बाहर निकलकर जमीन पर काम करना होगा। लोगों के सुख दुख का साथी बनना होगा। अगर उसके बाद लोगों ने मुझे स्वीकार किया तो यह मेरा भाग्य होगा। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं उनके साथ कदम से कदम मिला कर चलूं।
बीजेपी और सपा में बेहतर कानून व्यवस्था किसकी?
यूपी में चाहे जिसकी सरकार रही हो, अमिताभ ठाकुर ने हर मुद्दे को बेबाकी से उठाया है। वर्तमान और पिछली सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति में कितना अंतर देखने को मिलता है, इस पर ठाकुर कहते हैं कि समाजवादी पार्टी विशेषकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार घिरी रही। सपा सरकार में कानून व्यवस्था में ठोस कार्रवाइयों का अभाव होता था। वहीं, मौजूदा सरकार ठोस कार्रवाइयों का दावा तो करती है लेकिन यह पुलिस राज का स्वरूप ले रही है। जनता के पास कोई विकल्प नहीं है। वह चुपचाप इसे सहन करती है लेकिन बहुत सी कार्रवाइयों में पक्षपात जाता है।
प्रदेश में हो रहे उपद्रव पर क्या कहेंगे?
प्रदेश के मौजूदा हालातों के लिए यूपी पुलिस को जिम्मेदार बताया है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि स्थितियां बद से बदतर हो रही हैं। जहां भी उपद्रव हुए वहां ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। वह कहते हैं कि इस मामले में यूपी पुलिस काफी हद तक फेल हो रही है।
विधानसभा चुनाव से पहले जेल क्यों भेजा गया?
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अमिताभ ठाकुर को रेप पीड़िता की आत्महत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, ठाकुर इसे अपने खिलाफ साजिश मानते हैं। उनका कहना है कि राजनीति से प्रेरित हो कर मुझे फंसाया गया।
Updated on:
02 Jul 2022 05:05 pm
Published on:
02 Jul 2022 04:53 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
