
लखनऊ. राजधानी लखनऊ में एक दिवंगत सीएमओ का परिवार भीख मांग कर अपना गुजारा कर रहा है। परिवार के तीन लोग 25 सालों से एक खंडहरनुमा मकान में रह रहे हैं। तीनों की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। तीनों ही अविवाहित हैं। हैरत की बात यह है कि यह परिवार राजधानी लखनऊ के पॉश कॉलोनी गोमती नगर में इस उपेक्षा के माहौल में जिंदगी काट रहा है। गोमती नगर के रहने वाले माथुर परिवार के तीनों सदस्य मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। इन सभी को मनोवैज्ञानिक सहारे की तलाश हैं। इस उम्र में ये तीनों शादी करना चाहते हैं जिससे बाकी जिंदगी काटने के लिए सहारा मिल सके। सबसे बड़े भाई बीएन माथुर ने घर की दीवार पर मृत्यु लोक लिख रखा है। वे कहते हैं कि उनके घर का माहौल मृत्युलोक जैसा ही है।
सड़क दुर्घटना में हुई थी सीएमओ की मौत
बीएन माथुर बताते हैं कि उनका जन्म 1947 में लखनऊ में हुआ। पिता डाक्टर एम एम माथुर सीएमओ थे।तीन भाई-बहनों में वे सबसे बड़े हैं। पिता की सरकारी नौकरी के कारण बचपन काफी सुविधा और साधन के बीच बीता। लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढाई के दौरान पिता के निधन से जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई। माता-पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। दोनों बहनें राधे और मांडवी बीएन माथुर से छोटी हैं। माता-पिता की एक साथ मौत से लगे सदमे से दोनों की मानसिक स्थिति खराब हो गई। इस दौरान कई बार भीख मांगकर गुजारा चलाया। परिस्थितियों के कारण किसी की शादी नहीं हो सकी।
रोटी बैंक ने शुरू की मदद की मुहिम
माथुर बताते हैं कि इस घटना के बाद रिश्तेदारों से संपर्क खत्म हो गया। दिल्ली में एक रिश्तेदार थे जो कभी-कभार आर्थिक मदद कर देते थे। तीन महीने पहले उनकी मौत हो गई जिसके बाद से सारे सहारे खत्म हो गए। माथुर ने बताया कि हालात ऐसे हो गए हैं कि भीख मांगकर पेट भरना पड़ता है। वे चाहते हैं कि तीनों भाई-बहनों की शादी हो जाए।
इस परिवार की मदद के लिए लखनऊ में रोटी बैंक अभियान चलाने वाली संस्था आगे आई है। अभियान के संयोजक मोहित शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले हम गोमती नगर में गरीबों को रोटी बांटने गए थे। वहां के लोगों से माथुर परिवार के बारे में जानकारी मिली। हम तभी से इस परिवार की मदद में जुटे हैं।
Published on:
25 Oct 2017 03:15 pm
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