
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही मायावती ने बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। लम्बे समय तक सपा सरकार में काबीना मंत्री रहे राजकिशोर सिंह सपा से निकलने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे। फिर वर्ष 2020 में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे।
बसपा से ही शुरू हुआ था राजकिशोर का राजनीतिक सफर
यूपी के पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल को बहुजन समाज पार्टी से निकाल दिया गया है। राजकिशोर सिंह ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत बसपा से की थी।
साल 2003 में सपा में शामिल हो गए। वर्ष 2007 तक वह सपा सरकार में मंत्री रहे। इसके बाद वर्ष 2012 में वह लगातार तीसरी बार वह सपा से विधायक और मंत्री बने।
इस दौरान भाई बृजकिशोर सिंह ‘डिंपल’ को भी सपा सरकार में ऊर्जा सलाहकार बनाया गया। वर्ष 2016 में कई आरोपों में घिरे होने के कारण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। वर्ष 2020 में वह बसपा में शामिल हो गए। पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में उनका नाम आया है।
पत्रिका ने पूछा पार्टी से निकालने का कारण
पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल को बसपा से निकालने की खबर की बस्ती में पार्टी जिलाध्यक्ष जयहिंद गौतम ने पुष्टि की। उन्होंने पत्रिका को बताया "पार्टी हाईकमान के आदेश पर पूर्व मंत्री और उनके भाई को पार्टी से निकाला गया है।
दोनों लोगों पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। आलाकमान के निर्देश पर राजकिशोर और उनके भाई के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह लगातार पार्टी को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियां संचालित कर रहे थे।"
Updated on:
10 Apr 2023 07:51 am
Published on:
09 Apr 2023 11:14 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
