
नाम बदलने का सभी कर रहे विरोध, ग्लोब पार्क का इतिहास है
लखनऊ के 58 साल पुराने ऐतिहासिक ग्लोब पार्क का नाम बदलकर जी-20 पार्क कर दिया गया है। इस फैसले का छात्रों, शिक्षकों, इतिहासकारों और लोगों ने विरोध जताया है। लोगों का कहना है कि पार्क राज्य की राजधानी का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसके पीछे एक इतिहास है।
बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए निर्माण करवाया गया था
ग्लोब पार्क का निर्माण पूर्व महापौर पद्म भूषण कर्नल वी.आर. मोहन ने स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए किया था। इसमें 21 फीट के डायमीटर के साथ 40 फीट ऊंचाई का एक घूमता हुआ ग्लोब है, जो पृथ्वी पर देशों की सटीक स्थिति को दर्शाता है।
सरकार नया पार्क बनवाए
पूर्व वीसी प्रोफेसर नदीम हसनैने ने कहा, “यह कदम जिला प्रशासन की मानसिकता को दर्शाता है। सरकार को चाहिए कि वह नए पार्क बनाए और जैसा चाहे वैसा नाम रखे। पार्क छात्रों के सीखने के लिए बनाया गया था। इसका नाम भी इसलिए रखा गया है, जिससे यह मन में जिज्ञासा पैदा करे। इसका नाम बदलकर जी-20 करने से वह उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जिसके लिए इसे स्थापित किया गया था।” प्रोफेसर नदीम हसनैन वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी हैं।
नाम बदलने का सभी कर रहे विरोध, ग्लोब पार्क का इतिहास है
वरिष्ठ नागरिक के.के. मिश्रा ने कहा, “ग्लोब पार्क लखनऊ के इतिहास का हिस्सा है जबकि जी-20 एक ऐसा आयोजन है जो एक साल बाद अपनी प्रासंगिकता खो देगा। अगर सरकार चाहती है कि लोग यह याद रखें कि भारत की अध्यक्षता थी, तो वे एक नई सड़क, पार्क या एक स्मारक हॉल बना सकते है, जहां छात्र जा सकते हैं और जी-20, इसके सदस्यों के बारे में जान सकते हैं कि यह दुनिया को कैसे प्रभावित करता है, और क्या इसकी अध्यक्षता में भारत को क्या-क्या उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं या प्राप्त होंगी।”
आयुक्त रोशन जैकब ने सड़क का नाम बदलने का आदेश दिया
संभागीय आयुक्त रोशन जैकब ने हाल ही में एक आदेश में वृंदावन कॉलोनी, पिपराघाट सर्कल में एक तालाब और जनेश्वर मिश्र पार्क से सटी एक सड़क का नाम जी-20 करने का भी आदेश दिया है।
Updated on:
31 Jan 2023 08:32 am
Published on:
31 Jan 2023 08:30 am
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