
(फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)
Gold Silver News: देश और दुनिया के सर्राफा बाजारों में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। सोने और चांदी दोनों की कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया गया है। खासतौर पर चांदी ने निवेशकों और आम लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 65 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई है। इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है और लगभग सभी बड़े शहरों में चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं।
चांदी की कीमतों में क्यों आया उछाल
विशेषज्ञों के अनुसार चांदी की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे पहला कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता है। अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों में ब्याज दरों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर में उतार-चढ़ाव और महंगाई के बढ़ते आंकड़ों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर मोड़ा है। चांदी केवल एक कीमती धातु ही नहीं, बल्कि औद्योगिक उपयोग की भी एक अहम धातु है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरणों में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे हरित ऊर्जा और तकनीक आधारित उद्योगों का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे चांदी की मांग में भी तेज इजाफा देखा जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के 65 डॉलर प्रति औंस के पार जाने का असर सीधे भारतीय बाजार पर पड़ा है। भारत चांदी का एक बड़ा आयातक देश है, इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति भी कीमतों को प्रभावित करती है। रुपये में कमजोरी आने से आयात महंगा हो जाता है, जिसका सीधा असर चांदी और सोने के दामों पर पड़ता है। सर्राफा बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में यही रुख बना रहता है, तो भारत में चांदी की कीमतें और ऊंचाई छू सकती हैं।
तेजी के इस दौर में अलग-अलग शहरों में चांदी के दामों में हल्का अंतर जरूर है, लेकिन कुल मिलाकर हर जगह कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं।
(नोट: दाम स्थानीय टैक्स और मांग के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।)
चांदी के साथ-साथ सोने की कीमतों में भी मजबूती देखने को मिल रही है। हालांकि सोने की तुलना में चांदी में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, लेकिन मौजूदा हालात में दोनों ही धातुएं निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। शादी-विवाह के सीजन और त्योहारों की मांग भी कीमतों को सहारा दे रही है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में मौजूदा तेजी केवल सट्टेबाजी का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे मजबूत बुनियादी कारण मौजूद हैं। लंबी अवधि के निवेशक चांदी को एक अच्छे विकल्प के रूप में देख रहे हैं। हालांकि अल्पकाल में कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है, इसलिए निवेश से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि जिन निवेशकों ने पहले कम दामों पर चांदी खरीदी थी, उनके लिए यह मुनाफा वसूली का अच्छा समय हो सकता है। वहीं नए निवेशकों को बाजार की चाल समझकर ही कदम उठाना चाहिए।
चांदी के दाम बढ़ने का असर केवल निवेशकों पर ही नहीं, बल्कि आम लोगों पर भी पड़ेगा। चांदी से बने आभूषण, बर्तन और धार्मिक उपयोग की वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। खासतौर पर त्योहारों और शादी-ब्याह के मौसम में खरीदारी करने वालों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है। हालांकि सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि मांग पूरी तरह खत्म नहीं होगी, क्योंकि भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी केवल आभूषण नहीं, बल्कि परंपरा और निवेश का प्रतीक भी हैं।
बाजार के जानकारों के अनुसार आने वाले समय में चांदी की कीमतों की दिशा काफी हद तक वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर की चाल और औद्योगिक मांग पर निर्भर करेगी। यदि वैश्विक अनिश्चितता बनी रहती है और हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ता है, तो चांदी की कीमतें और नई ऊंचाई छू सकती हैं।
Published on:
17 Dec 2025 12:21 pm
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