11 जुलाई 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Good News: बकरी पालन से बनेगा रोजगार का रास्ता, SC वर्ग को मिलेगी नई उड़ान

Goat Rearing Scheme to Empower SC Families: प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति के भूमिहीन और गरीब पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी पालन योजना शुरू की है। यह योजना न केवल रोजगार देगी बल्कि मांस और दूध उत्पादन को भी बढ़ावा देगी। राज्य सरकार 90% अनुदान के साथ 75 जिलों में इसे लागू करेगी।

लखनऊ

Ritesh Singh

Jun 21, 2025

बकरी पालन को बढ़ावा देकर अनुसूचित जाति के पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाएगी सरकार फोटो सोर्स : Social Media
बकरी पालन को बढ़ावा देकर अनुसूचित जाति के पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाएगी सरकार फोटो सोर्स : Social Media

Good news Goat Rearing Scheme: प्रदेश सरकार अब बकरी पालन के ज़रिए अनुसूचित जाति के गरीब व भूमिहीन पशुपालकों की तस्वीर और तकदीर बदलने की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य केवल पशुधन उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि रोजगार, पोषण और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करना है।

यह भी पढ़े : लखनऊ को ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, 1000 करोड़ की लागत से बनेंगे 46 नए ओवरब्रिज

योजना 

पशुधन विभाग द्वारा चलाई जा रही यह योजना प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति के लोगों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। योजना का मुख्य उद्देश्य भूमिहीन व बेरोजगार पशुपालकों को बकरी पालन का प्रशिक्षण देकर उनकी आजीविका सुनिश्चित करना है। बकरी का दूध और मांस दोनों ही पोषण और आमदनी के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। इससे न सिर्फ ग्रामीणों की आय में इजाफा होगा बल्कि कुपोषण की समस्या से भी राहत मिलेगी।

यह भी पढ़े : मानसून की धमाकेदार एंट्री, IMD का रेड अलर्ट, भारी बारिश और बिजली का खतरा बढ़ा

राज्य सरकार की योजना का ढांचा

राज्य सरकार की योजना के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में प्रतिवर्ष 750 बकरी पालन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। प्रत्येक जनपद में 10  इकाइयां क्रियान्वित की जाएंगी।

  • एक इकाई में मिलेगा
  • 1 नर बकरा
  • 5 मादा बकरियाँ
  • प्रति इकाई लागत: ₹60,000
  • राज्यांश (सरकारी सहायता): ₹54,000 (90%)
  • लाभार्थी अंश: ₹6,000 (10%)

यह भी पढ़े : लखनऊ को मिलेगा आधुनिक रोड नेटवर्क, जुलाई से शुरू होगा निर्माण

प्रशिक्षण और पात्रता की शर्तें

  • इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकेंगे जो निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करते हों:
  • आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • वह अनुसूचित जाति का बेरोजगार महिला/पुरुष पशुपालक हो।
  • बकरियाँ रखने के लिए उचित स्थान (शेड या खुली जगह) उपलब्ध हो।
  • भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण केन्द्र, इटावा या केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान फराह, मथुरा से प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति को वरीयता दी जाएगी।
  • विधवा या निराश्रित महिलाएं होंगी तो उन्हें प्राथमिकता मिलेगी।

यह भी पढ़े : फिर लौटी बीएड की रौनक: सीटें घटीं, अभ्यर्थी बढ़े

क्या मिलेगा योजना के तहत

  • सरकार द्वारा दिए गए फंड का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:
  • नर और मादा बकरियों की खरीद
  • बीमा
  • चिकित्सा सुविधा
  • परिवहन का खर्च

इस योजना के तहत बकरी पालन करने वाले परिवार को एक स्थायी आजीविका का ज़रिया प्राप्त होगा, जिससे वे दूध, बकरी के बच्चे, और मांस बेचकर नियमित आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।

यह भी पढ़े : यूपी पुलिस का एक्शन मोड: 14,000 मुठभेड़ें, 234 अपराधी ढेर

क्यों है यह योजना अहम

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम लागत और कम जोखिम में शुरू किया जा सकता है, लेकिन इससे लाभ अपेक्षाकृत अधिक होता है। यह गरीब और मध्यम वर्गीय पशुपालकों के लिए बहुत ही उपयुक्त विकल्प है। बकरी पालन कुपोषण से लड़ने में सहायक है क्योंकि बकरी का दूध पौष्टिक होता है। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा, क्योंकि अधिकतर लाभार्थी महिलाएं होंगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी क्योंकि यह योजना रोजगार सृजन करेगी।
स्थानीय स्तर पर पशु उत्पादकता में वृद्धि होगी।

यह भी पढ़े : बाराबंकी को मिली पहली वाहन स्क्रैपिंग यूनिट, गडकरी ने किया वर्चुअल उद्घाटन

राज्य सरकार के निर्देश और निगरानी

राज्य सरकार ने योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला स्तर पर पशुधन अधिकारी लाभार्थियों का चयन कर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगे। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ही बकरियों का वितरण किया जाएगा। प्रशासन की निगरानी में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थियों को समय पर बकरियाँ मिलें। बीमा प्रक्रिया पारदर्शी हो ,चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित हो ,कोई भी गड़बड़ी न हो .

यह भी पढ़े : गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से खुलेगा पूर्वांचल का विकास द्वार, देखिए तस्वीरें

पशुधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “बकरी पालन की यह योजना सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान का सशक्त माध्यम बनेगी। इससे बकरी मांस और दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा।” कई जिलों में योजना की तैयारी शुरू हो चुकी है। पशुपालन अधिकारियों ने पात्र लाभार्थियों की सूची बनानी शुरू कर दी है। अगले माह से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे, और सितंबर तक पहली खेप के वितरण की संभावना जताई जा रही है।