Good news Goat Rearing Scheme: प्रदेश सरकार अब बकरी पालन के ज़रिए अनुसूचित जाति के गरीब व भूमिहीन पशुपालकों की तस्वीर और तकदीर बदलने की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य केवल पशुधन उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि रोजगार, पोषण और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करना है।
पशुधन विभाग द्वारा चलाई जा रही यह योजना प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति के लोगों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। योजना का मुख्य उद्देश्य भूमिहीन व बेरोजगार पशुपालकों को बकरी पालन का प्रशिक्षण देकर उनकी आजीविका सुनिश्चित करना है। बकरी का दूध और मांस दोनों ही पोषण और आमदनी के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। इससे न सिर्फ ग्रामीणों की आय में इजाफा होगा बल्कि कुपोषण की समस्या से भी राहत मिलेगी।
राज्य सरकार की योजना के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में प्रतिवर्ष 750 बकरी पालन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। प्रत्येक जनपद में 10 इकाइयां क्रियान्वित की जाएंगी।
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इस योजना के तहत बकरी पालन करने वाले परिवार को एक स्थायी आजीविका का ज़रिया प्राप्त होगा, जिससे वे दूध, बकरी के बच्चे, और मांस बेचकर नियमित आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।
बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम लागत और कम जोखिम में शुरू किया जा सकता है, लेकिन इससे लाभ अपेक्षाकृत अधिक होता है। यह गरीब और मध्यम वर्गीय पशुपालकों के लिए बहुत ही उपयुक्त विकल्प है। बकरी पालन कुपोषण से लड़ने में सहायक है क्योंकि बकरी का दूध पौष्टिक होता है। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा, क्योंकि अधिकतर लाभार्थी महिलाएं होंगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी क्योंकि यह योजना रोजगार सृजन करेगी।
स्थानीय स्तर पर पशु उत्पादकता में वृद्धि होगी।
राज्य सरकार ने योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला स्तर पर पशुधन अधिकारी लाभार्थियों का चयन कर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगे। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ही बकरियों का वितरण किया जाएगा। प्रशासन की निगरानी में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थियों को समय पर बकरियाँ मिलें। बीमा प्रक्रिया पारदर्शी हो ,चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित हो ,कोई भी गड़बड़ी न हो .
पशुधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “बकरी पालन की यह योजना सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान का सशक्त माध्यम बनेगी। इससे बकरी मांस और दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा।” कई जिलों में योजना की तैयारी शुरू हो चुकी है। पशुपालन अधिकारियों ने पात्र लाभार्थियों की सूची बनानी शुरू कर दी है। अगले माह से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे, और सितंबर तक पहली खेप के वितरण की संभावना जताई जा रही है।
Published on:
21 Jun 2025 02:02 pm