
लखनऊ. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट मीटिंग में सीएम योगी ने सभी राज्य कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के मद्देनजर 31 मार्च तक सभी कर्मचारियों को घर से काम करने पर अहम फैसला लिया है। निजी क्षेत्र के लोग घर से ही अपना काम करें। इसके साथ ही कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में भीड़ खत्म करने के लिए कर्मचारियों को घर से काम करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। घर से काम करने पर किसी भी कर्मचारी की सैलरी में कटौती नहीं की जाएगी। साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना का मुफ्त इलाज किए जाने की घोषणा की है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा यूपी में सभी परीक्षाएं, प्रतियोगी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। साथ ही स्कूल-कॉलेज और सिनेमा घरों के बंद रहने की तारीख को और आगे बढ़ा दिया है। मतलब अब यूपी में दो अप्रैल तक स्कूल-कॉलेज और सिनेमा घर सब बंद रहेंगे। सभी धरना प्रदर्शनों पर सरकार ने रोक भी लगा दी है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना पर केंद्र सरकार की एडवायजरी का 100 फीसदी पालन करने को कहा है साथ ही प्रदेशवासियों से भीड़भाड़ में जाने से बचने की अपील की है। प्रदेश के सभी पर्यटक स्थल 31 मार्च तक बंद रहेंगे।
सभी परीक्षाएं स्थगित
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूल-कॉलेज दो अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। वहीं लोगों को घरों से काम करने का भी निर्देश दिया है। ऐसे में उनकी सैलरी में किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाएं व माध्यमिक व उच्च शिक्षा से जुड़ी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। अब इन परीक्षाओं के लिए सरकार का अगला आदेश आने के बाद ही कोई विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी कोरोना वायरस के बचाव के इंतजाम की हर प्रकार की मॉनिटरिंग खुद ही कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश में समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जा रही है।
तहसील दिवस और जनता दर्शन दो अप्रैल तक बंद
प्रदेश में तहसील दिवस और जनता दर्शन दो अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदी के चलते रोजमर्रा का काम करने वाले लोगों का भरण पोषण हो सके इसके लिए वित्तमंत्री की कमेटी तीन दिन में रिपोर्ट देगी। इसमें कृषि मंत्री और श्रम मंत्री शामिल हैं। सरकार द्वारा मजदूरी करने वालों को कुछ धनराशि अकाउंट में दी जाएगी।
दरअसल, सिनेमा घर, मल्टीप्लेक्स, स्वीमिंग पूल बंद करने के निर्देश के बाद कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चे पर डट गए हैं। इसके पहले उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित राज्य संक्रामक रोक निदेशालय के कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। संक्रामक रोगों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया, ताकि महामारियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
इस बीच, मास्क व सैनेटाइजर की कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को एक्टिव किया गया है। सीएम ने कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने इसके लिए जन सहयोग की अपेक्षा की है।
सरकारी कर्मचारियों को बायोमैट्रिक हाजिरी से छूट
सीएम योगी ने कहा है कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों का भरण-पोषण हो सके इसके लिए वित्तमंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी 3 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में कृषि मंत्री और श्रम मंत्री को शामिल किया गया है। सरकार दिहाड़ी मजदूरी करने वालों को एक निश्चित धनराशि आरटीजीएस के माध्म से उनके अकाउंट में भेजेगी। जिससे मजदूरों के परिवार का भरण-पोषण हो सके। कोरोना वायरस पीड़ित का मुफ्त में जांच और इलाज सरकार करवाएगी। प्रदेश में निजी और सरकारी कर्मचारियों को बायोमैट्रिक हाजिरी से छूट दी गई है। इसके साथ ही यथासंभव कर्मचारी अपने घर से ही काम करेंगे। इस दौरान उनके वेतन का भुगतान होता रहेगा।
Updated on:
18 Mar 2020 09:29 am
Published on:
17 Mar 2020 03:30 pm
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