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Govt Special Scheme: 2 जून की रोटी के लिए जद्दोजहद खत्म! जानिए सरकार की ये खास योजना जो बदल देगी मेहनतकशों की ज़िंदगी

Govt Launche Special Scheme: हर दिन की दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करने वाले करोड़ों मेहनतकश लोगों के लिए सरकार ने एक खास योजना शुरू की है। ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना’ के ज़रिए अब असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में ₹3,000 मासिक पेंशन की सुविधा मिलेगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jun 02, 2025

फोटो सोर्स : Patrika: 2 जून की रोटी के लिए करनी पड़ती है कड़ी मेहनत – अब सरकार दे रही है राहत

फोटो सोर्स : Patrika: 2 जून की रोटी के लिए करनी पड़ती है कड़ी मेहनत – अब सरकार दे रही है राहत

Govt Special Scheme 2025: भारत में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें हर दिन की दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर, ये सभी मेहनत करते हैं, लेकिन जीवन की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। इन्हीं मेहनतकश लोगों के लिए सरकार ने एक खास योजना की शुरुआत की है, जो उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। यह योजना सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।

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सरकार की खास योजना: प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM -SYM)

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना देश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के लिए बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि हर मेहनतकश को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा दी जाए, ताकि उन्हें बुढ़ापे में दूसरों पर निर्भर न होना पड़े।

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मुख्य विशेषताएं

  • असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने ₹3,000 की पेंशन दी जाएगी।
  • योजना में 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं।
  • लाभार्थी को हर महीने केवल ₹55 से ₹200 तक का अंशदान करना होता है (आयु पर निर्भर करता है)।
  • सरकार उतनी ही राशि का योगदान भी करती है जितना श्रमिक करता है।

किन्हें मिलेगा लाभ

  • इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र के उन मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है। इनमें शामिल हैं:
  • दिहाड़ी मजदूर
  • रेहड़ी-पटरी वाले
  • घरेलू कामगार
  • निर्माण श्रमिक
  • रिक्शा चालक
  • खेतिहर मजदूर
  • सफाई कर्मचारी
  • दर्जी, मोची, माली, धोबी आदि

कैसे करें आवेदन

  • नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
  • आधार कार्ड और बैंक पासबुक साथ ले जाएं।
  • मोबाइल नंबर देना आवश्यक है।
  • अंशदान की राशि आयु के अनुसार तय की जाएगी।
  • पेंशन कार्ड जनरेट होते ही आपको रजिस्ट्रेशन की रसीद मिलेगी।

उदाहरण से समझें योजना का लाभ: अगर कोई व्यक्ति 30 साल का है, तो उसे इस योजना के तहत हर महीने केवल ₹100 का योगदान करना होगा। सरकार भी ₹100 जोड़कर कुल ₹200 निवेश करेगी। 60 वर्ष की आयु में उसे हर महीने ₹3,000 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी ,जीवनभर के लिए।

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योजना क्यों है ज़रूरी

  • भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है। उनके पास:
  • कोई भविष्य निधि (PF) नहीं
  • कोई बीमा नहीं

कोई निश्चित आय का स्रोत नहीं

ऐसे में यह योजना एक बुढ़ापे की गारंटी की तरह काम करती है। न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी यह योजना सुरक्षा की चादर बनती है।

ई-श्रम कार्ड

  • एक यूनिक ID नंबर दिया जाता है
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का माध्यम
  • भविष्य में योजनाओं का लाभ सीधे खाते में पहुंचता है
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY):
  • गरीबों को मुफ्त या सस्ती दर पर मकान
  • खासकर शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए

अटल पेंशन योजना

  • असंगठित क्षेत्र के लिए एक और पेंशन योजना
  • ₹1,000 से ₹5,000 तक की पेंशन विकल्प
  • योजना का प्रभाव – कुछ आंकड़ों के साथ
  • अब तक 1.5 करोड़ से अधिक श्रमिक इस योजना से जुड़ चुके हैं।
  • हर महीने हजारों नए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी जा रही है।
  • जिन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है, वहाँ लाभार्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

सरकार का संदेश: अब मेहनत को मिलेगा सम्मान

सरकार का मानना है कि "हर हाथ को काम और हर मेहनत को सुरक्षा मिलनी चाहिए।" यही सोच इस योजना की नींव है। एक देश तभी आत्मनिर्भर बनता है जब उसके हर नागरिक को जीने की बराबर सुविधा और अवसर मिलें — चाहे वह किसी भी वर्ग से हो।

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योजना को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया

1.रामकिशोर (दिहाड़ी मजदूर, लखनऊ): "पहले हम सोचते थे बुढ़ापे में क्या होगा। अब कम से कम ये भरोसा है कि ₹3,000 हर महीने मिलेंगे।"

2.पुष्पा देवी (घरेलू सहायिका, वाराणसी): "मैंने खुद CSC जाकर पेंशन योजना में नाम लिखा। अब लग रहा है सरकार हमारे बारे में भी सोच रही है।"