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LDA की बड़ी योजना: लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस-वे पर बनेगा ‘उद्योग नगर’ और बीकेटी में ‘नैमिष नगर’, तीन लाख लोगों को मिलेगा आवास

LDA Housing New Scheme: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) राजधानी को नई दिशा देने जा रहा है। आगरा एक्सप्रेस-वे पर 5610 एकड़ में 'उद्योग नगर' और बीकेटी में 2504 एकड़ में 'नैमिष नगर' विकसित होंगे। इन योजनाओं से तीन लाख से अधिक लोगों को आवास, उद्योग और रोजगार की सुविधा मिलेगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jun 02, 2025

फोटो सोर्स : Patrika : लखनऊ में एलडीए की नई पहल – राजधानी को मिलेगी नई पहचान

फोटो सोर्स : Patrika : लखनऊ में एलडीए की नई पहल – राजधानी को मिलेगी नई पहचान

LDA Housing New Scheme 2025 : लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने राजधानी लखनऊ के समग्र और संतुलित विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। शहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एलडीए अब दो बड़ी योजनाएं शुरू करने जा रहा है। पहली योजना के तहत आगरा एक्सप्रेस-वे पर 5610 एकड़ क्षेत्रफल में 'उद्योग नगर' विकसित किया जाएगा, जबकि दूसरी योजना के अंतर्गत बक्शी का तालाब (बीकेटी) में 2504 एकड़ क्षेत्रफल में 'नैमिष नगर' बसाया जाएगा।

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इन दोनों योजनाओं को मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल लखनऊ का भौगोलिक विस्तार होगा, बल्कि लाखों लोगों को आवासीय, औद्योगिक, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं भी मिलेंगी।

'उद्योग नगर' -लखनऊ का अगला औद्योगिक हब

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि आगरा एक्सप्रेस-वे पर विकसित होने वाला उद्योग नगर 5610 एकड़ भूमि पर फैला होगा। इसके लिए सदर और सरोजनीनगर तहसीलों के 12 से अधिक ग्रामों की भूमि चिन्हित की गई है, जिनमें प्रमुख ग्राम हैं:

  • भलिया
  • आदमपुर
  • इन्दवारा
  • बहरू
  • जलियामऊ
  • मदारपुर
  • इब्राहिमगंज
  • नकटौरा
  • गहलवारा
  • तेजकृष्ण खेड़ा
  • रेवरी
  • सकरा
  • दोना

यह क्षेत्र भविष्य में लखनऊ का नया औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर होगा। योजना में न केवल औद्योगिक इकाइयां विकसित की जाएंगी, बल्कि आवासीय क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान और लॉजिस्टिक केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।

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'नैमिष नगर'- बीकेटी का कायाकल्प

इसी तरह बीकेटी क्षेत्र में सीतापुर व रैथा रोड के निकट 2504 एकड़ भूमि पर 'नैमिष नगर' विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए जिन ग्रामों की भूमि चयनित की गई है, वे हैं:

  • भौली
  • लक्ष्मीपुर
  • पूरब गांव
  • पुरवा
  • सैरपुर
  • फर्रुखाबाद
  • कोड़री भौली
  • कमलाबाद
  • कमलापुर
  • पलहरी
  • गोपरामऊ
  • बारूमऊ
  • धतिंगरा
  • सैदापुर

यह परियोजना विशेष रूप से मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है, जिससे लखनऊ में बढ़ती आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सके।

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तीन लाख से अधिक लोगों को मिलेगा आवास

प्रथमेश कुमार के अनुसार इन दोनों योजनाओं के माध्यम से तीन लाख से अधिक लोगों को आवासीय सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं, इन योजनाओं में विकसित किए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक हब, अस्पताल, स्कूल व कॉलेज शहर को आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत बनाएंगे। इन योजनाओं से न सिर्फ लखनऊ का विस्तार होगा, बल्कि प्रदेश में बड़ा निवेश और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। आने वाले वर्षों में ये क्षेत्र लखनऊ के नए शहर की शक्ल में उभर सकते हैं।

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मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना से जुड़ा प्रस्ताव

इस योजना की प्रस्तुति सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग डॉ. बलकार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में दी गई। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि एक सप्ताह के भीतर इन योजनाओं का पुनः परीक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए, ताकि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत इनके लिए धनराशि स्वीकृत कराई जा सके।

आईटी सिटी और वेलनेस सिटी का भी किया गया मूल्यांकन

इस बैठक में आईटी सिटी और वेलनेस सिटी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की गई। बताया गया कि भूमि एकत्रीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और 500 बीघा से अधिक भूमि के प्रस्ताव लैंड पूलिंग मॉडल के तहत मिल चुके हैं। साइट ऑफिस और अन्य आधारभूत ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।

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बैठक में शामिल अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • अनिल कुमार मिश्रा (मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक)
  • रवि जैन (निदेशक, आवास बंधु)
  • ज्ञानेन्द्र वर्मा (अपर सचिव, एलडीए)
  • केके गौतम (मुख्य नगर नियोजक)
  • दीपक सिंह (वित्त नियंत्रक)
  • सुशील प्रताप सिंह (संयुक्त सचिव)
  • अन्य तकनीकी व योजना अधिकारी

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क्या है इन योजनाओं का महत्व

  • शहरी विस्तार: लखनऊ के बढ़ते जनसंख्या दबाव को देखते हुए इन योजनाओं से आवास की भारी मांग को पूरा किया जा सकेगा।
  • औद्योगिक विकास का केंद्र: उद्योग नगर योजना उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक बन सकती है।
  • रोजगार और निवेश: इन योजनाओं से लाखों की संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। साथ ही राज्य में नए निवेशकों का आगमन भी होगा।
  • स्मार्ट सुविधाएं: दोनों टाउनशिप में स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, हरित क्षेत्र, जल निकासी, सड़क, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं होंगी।